प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे को उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) बनाया गया है। उन्हें प्रधानमंत्री के बदरीनाथ व केदारनाथ पुनर्निर्माण के ड्रीम प्रोजेक्टों की कमान सौंपी गई है।
प्रधानमंत्री के सलाहकार रहते भास्कर खुल्बे केदारनाथ और बदरीनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी करते रहे हैं। वे कुछ दिनों से उत्तराखंड प्रवास पर थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु से शिष्टाचार भेंट की थी। इन मुलाकातों के बाद सचिवालय के गलियारों में खुल्बे को प्रदेश सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। दिन में ही यह चर्चा गर्म थी कि उन्हें उत्तराखंड में रहते हुए पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। देर शाम उन्हें पर्यटन विभाग में ओएसडी बनाए जाने के आदेश भी जारी हो गए।
भास्कर खुल्बे ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से 1979 में जूलॉजी से एमएससी की थी। भास्कर का चयन भारतीय सेना में अधिकारी के पद के लिए हो गया था। उन्होंने छह माह तक ट्रेनिंग भी की लेकिन मेडिकल कारण से उन्हें वापस आना पड़ा। भास्कर ने जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रो. जेएस बिष्ट के निर्देशन में पीएचडी शुरू कर दी थी। 1982 में उनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज के लिए हो गया था और इसमें वह अखिल भारतीय स्तर पर तीसरे स्थान पर रहे थे। आईएफएस की ट्रेनिंग के दौरान भी वे पढ़ाई में लगे रहे और अंतत: उनका चयन आईएएस में हो गया। उनकी योग्यता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान उन्हें पीएमओ में महत्वपूर्ण पोस्टिंग दी गई थी। भास्कर मध्यमवर्गीय परिवार से थे। उनका परिवार नैनीताल में तल्लीताल में लक्ष्मी कुटीर के निकट रहता था। उनके पिता ख्यालीराम खुल्बे कांट्रेक्टर थे और उनके दो भाई नवीन व जीवन बैंक अधिकारी थे।
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