बड़ा खुलासा – सचिवालय की सरकारी गाड़ियों, एंबुलेंस व शव वाहनों में ढोया गया खनन सामग्री, कैग ने जारी करी रिपोर्ट !!

जनपद देहरादून की तीन नदियों – ढकरानी, सोंग और कुल्हाल से सचिवालय की सरकारी गाड़ियों, एंबुलेंस और शव वाहनों से भी अवैध खनन ढोया गया है। हजारों रवन्नों में सरकारी वाहनों के नंबर भी पाए गए हैं। खनन का यह अवैध खेल वर्ष 2017-18 और 2020-21 के बीच खेला गया है। खनन माफिया ने वाहनों की नंबर प्लेट बदलकर प्रशासन की आंखों के सामने से लाखों टन अवैध खनन सामग्री ढोकर करोड़ों के वारे न्यारे कर लिए। कैग ने जब रवन्नों की जांच की तो पता चला कि इनमें से सरकारी वाहनों के नंबर भी शामिल थे।

कैग की रिपोर्ट के अनुसार, अवैध खनन में लगे 2,969 सरकारी वाहनों से 1 लाख 24 हजार 474 मीट्रिक टन खनन सामग्री ढोई गई।

इसी तरह से 835 यात्री वाहनों से 97 हजार मीट्रिक टन और ढाई हजार टैक्सी वाहनों 1.52 मीट्रिक टन खनन सामग्री ढोई गई। 57 हजार से अधिक वाहन ऐसे थे, जो पंजीकृत ही नहीं थे। इसके अलावा एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन, शव वाहन, रोड रोलर, एक्सरे वैन के नंबरों वाले वाहनों में करीब ढाई हजार टन अवैध खनन का परिवहन किया गया है।

782 पेट्रोलियम टैंकों के नंबर भी ऐसे पाए गए, जो अवैध खनन के रवन्नों में दर्ज हैं। कृषि कार्यों के लिए पंजीकृत करीब आठ हजार ट्रैक्टरों को भी खनन के काम में लगाया गया। यहां तक कि 261 ई-रिक्शा और 201 दोपहिया वाहनों से भी खनन सामग्री ढोनी दिखाई गई है।

कैग ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए वाहनों के डाटा बेस के साथ रवन्नों में उल्लेखित वाहन नंबरों की जांच की। कैग की ओर से रवन्ना वाले 4.37 लाख वाहनों में से 1.18 लाख वाहनों का मिलान किया गया। कैग ने पाया कि 1.18 लाख वाहनों में से 0.43 लाख वाहन से अवैध खनन सामग्री ढोई है। इन्हीं वाहनों में एंबुलेंस, कैश वैन, अग्निशमन वाहन, दो पहिया और ई-रिक्शा तक शामिल थे।