बाहरी प्रदेश के लोगों के लिए अब नगर निगम क्षेत्र में भी जमीन खरीदना होने जा रहा और कठिन, कृषि की जमीन पर आवास बनाने वालों की भी भूमि निहित करने की तैयारी !!

उत्तराखंड में आने वाले समय में बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीद के मानक बेहद सख्त होने जा रहे हैं। बाहरी लोगों ने यदि कृषि भूमि खरीदकर मकान बनाया तो जमीन समेत मकान भी सरकार में निहित हो जाएगा। नगर निगम सीमा और उसके बाहर भी यदि कृषि भूमि खरीदी गई, तो उसका इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ खेती के लिए ही करना होगा। ऐसा न करने पर सरकार स्तर पर सख्त प्रावधान किए जा रहे हैं।

अभी उत्तराखंड में नगर निगम सीमा के भीतर व्यक्ति कितनी भी जमीन खरीद सकता है। भले ही जमीन आवासीय हो या कृषि। अब नए भू-कानून के आने के बाद यदि नगर निगम सीमा के भीतर बाहरी व्यक्ति कृषि भूमि खरीदता है तो वो उसका इस्तेमाल सिर्फ कृषि के लिए कर पाएगा। न मकान, न हॉस्टल और न ही उसका कोई दूसरा इस्तेमाल होगा। भू-उपयोग सिर्फ कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों तक सीमित रहेगा। जमीन खरीदते समय अपनी मंशा और जमीन के उपयोग की भी स्पष्ट जानकारी देनी होगी। नगर निगम सीमा से बाहर व्यक्ति सिर्फ 250 वर्ग मीटर तक कृषि भूमि खरीद पाएगा, लेकिन यहां भी उसका इस्तेमाल कृषि के अलावा कुछ और नहीं कर पाएगा। किसी भी तरह का कोई दूसरा इस्तेमाल करने पर यहां प्रशासन स्तर से जमीनों को सीधे सरकार के कब्जे में लेने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए नए कानून में बेहद सख्त प्रावधान किए जा रहे हैं।

वंही सचिव राजस्व परिषद चंद्रेश यादव ने बताया कि नए भू-कानून को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं। पूरा प्रयास है कि व्यवस्थाओं को सख्ती के साथ बेहतर तरीके से लागू कराया जाए। इसके लिए जमीन खरीद के कारोबार को सख्ती के साथ नियंत्रित करने के कड़े प्रावधान किए जा रहे हैं।