पुलिस महकमे में चाहे लंबित प्रोमोशन के प्रकरण हो या खस्ता पड़े पुलिस संसाधन चाहे लॉ एंड आर्डर की बात हो या प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था का प्रकरण, सभी मामलों में सुधार के दृष्टिगत कार्यवाहक DGP अभिनव द्वारा शुरू किये गए समस्त कार्यों को अब मुकाम तक दीपम सेठ पंहुचाएँगे।
बता दें कि 22 नवम्बर 2024 की देर रात मुख्यमंत्री आवास में हुई एक अहम बैठक के बाद दीपम सेठ को प्रतिनियुक्ति से वापस उत्तराखंड बुलाने का निर्णय लिया गया है। सूत्र बताते हैं कि ऐसा गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश के क्रम में किया गया है। राज्य सरकार की ओर से सचिव गृह शैलेश बगौली ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख दीपम सेठ को उत्तराखंड वापस भेजने का आग्रह किया था। हैरत की बात यह है कि जिस प्रक्रिया को कुछ हफ्ते या कुछ दिन लग जाते हैं उसी प्रक्रिया को चंद घंटों में पूरा कर केंद्रीय गृह विभाग ने दीपम सेठ की प्रतिनियुक्ति समाप्त करते हुए तत्काल वापस अपने कैडर में जाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
सभी घटनाक्रम को देखते हुए अब यह तस्वीर साफ हो गयी है कि प्रदेश सरकार अब UPSC के पैनल प्रक्रिया को अपनाते हुए ही दीपम के सर ही ताज सजाने का मन बना लिया है। माना जा रहा है कि ऐसा दिसम्बर माह के शुरुआती दिनों में हो जाएगा। आंकलन यह भी है कि उक्त घटनाक्रम के बाद IPS अभिनव कुमार को राज्य सरकार पुनः शासन में विशेष प्रमुख सचिव के तौर पर तैनात कर अहम विभाग की जिम्मेदारी दे सकती है।
अन्य कैडर अभिनव के लिए बना मुसीबत-
बता दें कि पुलिस महकमे में शानदार पारी खेल रहे अभिनव के लिए सबसे बड़ा रोड़ा उनका अपना कैडर ही बन गया। बता दें कि अभिनव कुमार आज भी उत्तरप्रदेश कैडर के अधिकारी हैं जो कोर्ट के स्टे के क्रम में उत्तराखंड गठन के बाद से आतिथि तक प्रदेश में ही कार्यरत हैं। उत्तराखंड का कैडर न होने के कारण उनको राज्य सरकार चाह कर भी स्थायी नहीं कर पाई।
1 दिसम्बर को होगा 1 साल पूरा –
पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के रिटायरमेंट के बाद 1 दिसम्बर 2023 के दिन राज्य सरकार ने अभिनव कुमार को बतौर कार्यवाहक डीजीपी पुलिस महकमे की जिम्मेदारी दी थी। 1 दिसम्बर 2024 को उनका 1 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि अभिनव कुमार की अभी करीब 9 वर्ष की सेवा बाकी है। चर्चा यह भी है कि कुछ समय बाद केंद्र में ADG रैंक पर एम्पनलमेंट के बाद वह प्रतिनियुक्ति पर केंद्र भी जा सकते हैं।
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