वन विभाग में शुरू हुआ एक और शीत युद्ध, कहीं कॉर्बेट प्रकरण की भांति इस बार भी न फैल जाए रायता !!

उत्तराखंड वन विभाग में शासकीय कामकाज सामान्य रूप से चल रहा हो ऐसा सम्भव नही। HOFF की कुर्सी की लड़ाई हो या कॉर्बेट में CBI की एंट्री पूर्व में कई ऐसे प्रकरण वन महकमे से सामने आए हैं जिससे विभाग की छवि खराब हुई है। ऐसा ही एक मसला आजकल चर्चा में बना हुआ है।

विभागीय जानकारों की माने तो वन महकमे के एक विंग / शाखा / वृत्त में तैनात 2 IFS अधिकारियों में आपस में आज कल कागजी शिकायतों का दौर चल रहा है। पहले तो यह दोनों अधिकारी बहुत करीब हुआ करते थे पर न जाने क्यों अब इन दोनों के बीच किसी ने या फिर किसी कारण से दरार सी पड़ गयी। दरार भी ऐसी पढ़ी कि अब एक दूसरे की लिखित शिकायत का दौर भी शुरू हो गया है।

बता दें कि इन 2 IFS में से एक CCF तो दूसरा DFO रैंक का अधिकारी है। सूत्र बताते हैं कि इन दोनों में से एक के शिकायती पत्र में उक्त तैनाती शाखा में सरकारी पैसों के बड़े गबन का आरोप तक लगाया गया है। वंही दूसरे ने कुछ और गंभीर आरोप लगाए। मामला मुख्यालय के उच्च अधिकारियों के समक्ष जरूर आया है, लेकिन इस मसले में समस्त उच्च अधिकारी हाथ डालने से बच रहे हैं।

जानकर बताते हैं कि इस मामले को लेकर दोनों में से एक अधिकारी एक उच्च पद पर बैठे वन अधिकारी से मिले थे, लेकिन बातों बातों में उक्त IFS ने उच्च अधिकारी की ही पुराने कारनामे का खुलासा करने का जिक्र तक कर दिया।

प्रकरण बढ़ता देख वन महकमा इस विवाद को खत्म करने की कोशिशों में लग गया है, लेकिन फिलहाल कोई हल न निकल सका है। अगर मामला पूर्व के अन्य प्रकरणों की भांति कोर्ट-कचहरी तक पंहुचा तो महकमे के साथ साथ राज्य सरकार की भध पिटनी तय है।

प्रकरण में अब कर्मचारी संघ भी कूद पड़ा

दोनों IFS की तैनाती शाखा के कर्मचारी भी अब प्रकरण में कूद पड़े हैं। उन्होंने दोनों में से एक पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। छोटी-छोटी गलतियों पर रिकवरी, चार्जशीट देने और निलंबन की कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कार्मिकों ने उक्त अधिकारी पर कार्रवाई की भी मांग की है। वन क्षेत्राधिकारी संघ की ओर से इस संबंध में वन मंत्री से लेकर वन विभाग के मुखिया HOFF को ज्ञापन दिया जा चुका है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद चौहान ने बताया कि वन विभाग के एक वृत्त में विभिन्न संवर्गों के लगभग सभी कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। वर्तमान में करीब 20 कर्मचारियों ने उक्त अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है, संघ की मांग है कि उक्त अधिकारी का शीघ्र स्थानांतरण किया जाए।