CM के खौफ से ही उत्तराखंड में अधिकारी करते हैं काम, 4 महीने से नही पड़ी फटकार तो 1905 हेल्पलाइन का निस्तारण दर भी गिरा !!

शहर में बैठा एक व्यक्ति हो या दूर दराज पहाड़ में बैठा एक गरीब, जितनी सहूलियत 1905 हेल्पलाइन ने प्रदेश वासियों को दिलाई है शायद ही उत्तराखंड के इतिहास में ऐसी कोई हेल्पलाइन ने धरातल पर उतरकर काम किया होगा, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इसी ड्रीम प्रोजेक्ट को कई अधिकारी पलीता लगाते भी नजर आ रहे हैं।

बता दें कि जब जब मुख्यमंत्री 1905 हेल्पलाइन की मासिक समीक्षा लेते हैं तो हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का निस्तारण दर काफी ऊपर पंहुच जाता है, जैसे ही मुख्यमंत्री अन्य शासकीय काम काज में व्यस्त हो जाते हैं वैसे वैसे ही समीक्षा न होने के उपरांत हेल्पलाइन का निस्तारण दर हर माह गिरता ही जाता है।

जहां एक तरफ मुख्यमंत्री धामी ने सभी सचिवों को अपने अपने स्तर पर भी हेल्पलाइन की विभागीय समीक्षा करने के निर्देश दिए थे, वंही अन्य अधिकारी तो छोड़िए खुद को CM का करीबी कहने व दिखाने वाले अधिकारियों ने भी कई महीनों से अपने विभागों की समीक्षा नहीं की है।

हाल ही की बात करें तो मुख्यमंत्री द्वारा 1905 हेल्पलाइन की अतिंम समीक्षा 23 जुलाई 2024 को की गई थी। 23 जुलाई तक 1905 पोर्टल पर करीब 5.5 लाख शिकायतें प्राप्त हो चुकी थी। जिसमे से 63 प्रतिशत शिकायतें संतोषजनक निस्तारित, 17 प्रतिशत शिकायतें सचिव व HOD स्तर पर स्पेशल क्लोज की गई थी व 10 प्रतिशत शिकायतें नागरिकों से समाधान पर प्रतिपुष्टि चाहने हेतु गतिमान थी। मोटा मोटा देखा जाए तो 23 जुलाई 2024 तक निस्तारण दर 90 प्रतिशत के करीब था और 10 प्रतिशत शिकायतों पर कार्यवाई गतिमान व लंबित थी।

विभिन्न चुनावों में व शासकीय कामकाज में व्यस्त होने के उपरांत करीब 4 माह से 1905 हेल्पलाइन की समीक्षा न होने के कारण निस्तारण दर काफी गिर गयी है। ITDA से मिले आंकड़ों की बात करें तो पिछले 4 माह में 1905 हेल्पलाइन में करीब 60 हज़ार शिकायतें दर्ज हुई हैं। जिसमे से 43 प्रतिशत शिकायतें संतोषजनक निस्तारित, 12 प्रतिशत शिकायतें सचिव व HOD स्तर पर स्पेशल क्लोज की गई थी व 15 प्रतिशत शिकायतें नागरिकों से समाधान पर प्रतिपुष्टि चाहने हेतु गतिमान थी। इन आंकड़ों के अनुसार सिर्फ पिछले 4 महीने में ही निस्तारण दर 90 प्रतिशत से गिर कर 70 प्रतिशत पर जा पंहुचा है। इन गिरते आंकड़ों को देखकर यही समझा जा सकता है कि जब जब मुख्यमंत्री 1905 हेल्पलाइन की समीक्षा करते हैं तब तब अधिकारी मुख्यमंत्री के खौफ के कारण व उनकी डांट से बचने के लिए शिकायतों का निस्तारण और तेजी से करते हैं।