उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ती बस एवं वाहन दुर्घटनाओं को देखते हुए धामी सरकार इस बार 3 बड़े निर्णय लेने जा रही है। जिसको लेकर सचिव परिहवन के नेतृत्व में काफी दिनों से होमवर्क चल रहा था।
सर्वप्रथम राज्य सरकार पहाड़ी क्षेत्रों के RTO कार्यालयों के लिए कुल 11 नए ARTO के पद सृजित करने जा रही है। जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक ARTO तैनात रहें व पहाड़ी क्षेत्रों में वाहनों की जांच-पड़ताल और बारीकी से हो सके। बता दें की इन 11 नए पदों पर 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे व 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।
इसके अतिरिक्त परिवहन निगम पहाड़ी क्षेत्रों में चल रही अनुबंधित बसों के परमिट पूर्णतः खत्म करने जा रहा है। अब पहाड़ी मार्गों पर परिवहन निगम की स्वयं की नई बसें चलेगी। इन रूटों के लिए परिवहन निगम अगले माह तक बसें क्रय कर लेगा।
उपर्युक्त 2 फैसलों से हटकर सबसे महत्वपूर्ण फैसला राज्य सरकार यह लेने जा रही है कि परिवहन विभाग रोड सेफ्टी पालिसी व एक्ट कैबिनेट व विधानसभा की मुहर के बाद उत्तराखंड में लागू करने जा रहा है। इस पॉलिसी व एक्ट का प्रमुख पहलू यह है कि अबसे हर एक दुर्घटना की जांच गहनता से समिति द्वारा की जाएगी। जांच में दुर्घटना का कारण स्पष्ट होने के उपरांत संबंधित विभाग के संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। रोड सेफ्टी पालिसी व एक्ट के अनुसार लोक निर्माण विभाग व अन्य सड़क निर्माण विभागों को खस्ता सड़क व खराब सेफ्टी दीवार के लिए जिम्मेदार माना गया है वंही ड्रिंक एंड ड्राइव जैसे प्रकरणों के लिये स्थानीय थाना पुलिस व ट्रैफिक पुलिस को जिम्मेदार माना गया है इसके अतिरिक्त ओवरलोडिंग व ड्राइविंग लाइसेंस व परमिट संबंधित खामी के लिए परिवहन विभाग को जिम्मेदार माना गया है।

Editor