भारत निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति पद के चुनाव की गाइडलाइन जारी कर दी है। एकल संक्रमणीय मत निर्वाचन प्रणाली के तहत होने वाले इस चुनाव में सांसद-विधायक भाग लेते हैं। इसके लिए 1971 की जनगणना को आधार बनाया जाता है। इसी साल की देश की आबादी के आधार पर सांसद और इसी वर्ष प्रदेश की आबादी के आधार पर संबंधित राज्य के विधायकों के मत का मूल्य तय होता है।
1971 में उत्तराखंड की आबादी 44,91,239 थी। ऐसे में उत्तराखंड में हर विधायक के मत का मूल्य 64 है। वर्तमान विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 47 है, इस तरह यहां भाजपा विधायकों की वोट वैल्यू 3008 बैठ रही है। कांग्रेस के 19 विधायकों की कुल वोट वैल्यू 1216 है। बसपा के दो विधायकों की कुल वोट वैल्यू 128 है। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक भी हैं।
दूसरी तरफ चूंकि एक सांसद की वोट वैल्यू 700 है, इसलिए उत्तराखंड से राज्यसभा- लोकसभा के सभी आठ सांसदों की वोट वैल्यू 5600 बैठ रही है। चूंकि उत्तराखंड में सभी आठ सांसद भाजपा के हैं, इस तरह यहां भाजपा की संयुक्त वोट वैल्यू 8608 बन रही है।
विधानसभा में पड़ेंगे वोट
राष्ट्रपति चुनाव में विधायक-सांसदों को प्रथम वरीयता क्रम में मतदान करना होगा। सांसद यदि राज्य में मतदान करना चाहते हैं तो उन्हें पूर्व में इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को देनी होगी। इसी तरह विधायक भी यदि दिल्ली या अन्य राज्य में मतदान करना चाहें तो उन्हें भी पूर्व सूचना देनी होगी। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि जरूरी होने पर 18 जुलाई को देहरादून स्थित विधानसभा भवन में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होगा।
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