हाई कोर्ट ने देहरादून के रायपुर व लाडपुर स्थित चाय बागान की 350 बीघा जमीन की खरीद फरोख्त पर लगाई रोक !!

हाई कोर्ट ने देहरादून में चाय बागान की जमीन की खरीद-बिक्री के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। खंडपीठ ने रोक लगाते हुए सरकार, कमिश्नर गढ़वाल, डीएम देहरादून को 11 सितंबर तक विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तिथि नियत की है।गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में देहरादून के विकेश सिंह नेगी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में सरकार में निहित जमीन को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया है।

याचिका में यह भी कहा गया है की राजा चंद्र बहादुर सिंह की जमीन जो सरप्लस लैंड है, उसे 1960 में सरकार में निहित कराया जाना था। पर लाड़पुर, नथनपुर, रायपुर समेत अन्य जमीन को भूमाफिया बेच रहे हैं। याचिका में करीब 350 बीघा जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगाने, सरकार को तत्काल अपने कब्जे में लेने तथा खरीदने-बेचने वालों पर कार्रवाई की याचना की गई है।

जमीन बेचने के कई मामले

जाली दस्तावेज बनाकर कुछ व्यक्तियों ने दून टी कंपनी इंडिया लिमिटेड की करोड़ों की जमीन बेच डाली। कंपनी के निदेशक ने कोर्ट में गुहार लगाई तो कोर्ट के आदेश पर प्रेमनगर थाना पुलिस ने 28 जुलाई 2021 को चार व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

निदेशक डीके सिंह ने प्रेमनगर थाना पुलिस को बताया कि डीटीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से वर्ष 1979 में सुशील कुमार आर्य हाल निवासी बाबूलाइन, आरकेडिया ग्रांट, देहरादून को कंपनी में नौकरी पर रखा गया था।

2016 में सुशील कुमार आर्य कंपनी से रिटायर्ड हो गए थे, लेकिन उन्होंने क्वार्टर खाली नहीं किया। कंपनी के निदेशक को हाल ही में पता चला कि सुशील कुमार आर्य ने पांच अप्रैल 2021 को कंपनी की आरकेडिया स्थित 3560 वर्ग मीटर दो व्यक्तियों संजय सिंह कटारिया निवासी जस्सोवाला देहरादून व सतीश कुमार निवासी ढकरानी देहरादून को महज 70 लाख रुपये में बेच दी। कंपनी की कथित भूमि की सरकारी कीमत तीन करोड़, 20 लाख के करीब है।