हरिद्वार में इस साल होने वाले पंचायत चुनाव कई मायनों में रोचक होंगे। पहली बार ऐसा मौका होगा जब कोई पूर्व मंत्री जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ेगा। इससे पहले उत्तराखंड की राजनीति में ऐसा मौका नहीं आया है, जब कोई कैबिनेट मंत्री बनने के बाद पंचायत का चुनाव लड़ा होगा। हां ऐसा जरूर हुआ कि जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद कई नेता विधायक और मंत्री बने हैं। भाजपा ने मौका दिया तो स्वामी यतीश्वरानंद इस बार पंचायत चुनाव में पार्टी की कमान संभालने को तैयार खड़े हैं।
पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा का अभी तक हरिद्वार पंचायत में दबदबा कम ही रहा है। इसी कारण स्वामी के कंधों पर पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जमालपुर, पथरी और लालढांग क्षेत्र से लगती हुई सीटों पर उनकी नजर है।
इन इलाकों में 2022 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में स्वामी को अच्छी-खासे वोट मिले थे। तीनों जगह में से किसी एक सीट पर उनका चुनाव लड़ना तय इसलिए माना जा रहा है कि क्योंकि उनके खासमखास कार्यकर्ता इन सीटों पर पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण पर भी सभी की नजर है। दो बार से महिला जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट रिजर्व होती आई है, लेकिन इस बार इसमें बदलाव हो सकता है।
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