जोनल रिक्रूटिंग आफिसर मेजर जनरल एन.एस. राजपुरोहित ने बताया कि उत्तराखंड में अगस्त एवं सितंबर माह में अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो रही है जिसके लिए आनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया सेना की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in के माध्यम से शुरू हो गई है।
गढ़वाल रीजन के सभी जनपदों के लिए भर्ती रैली 19 अगस्त 31 अगस्त तक कोटद्वार में होगी।
इसी प्रकार कुमाऊं रीजन में अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और उधमसिंह नगर के लिए भर्ती रैली 20 से 31 अगस्त तक रानीखेत, चम्पावत और पिथौरागढ़ जनपदों के लिए 05 से 12 सितम्बर तक पिथौरागढ़ में भर्ती रैली आयोजित की जाएगी।
गुरूवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के युवाओं भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने में किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए शासन प्रशासन द्वारा हर सम्भव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने सिंचाई विभाग को निर्देश दिए कि मानसून सीजन के कारण भर्ती स्थलों में वाटर लागिंग होने की सम्भावना बनी रहेगी, इसके लिए वाटर सक्शन पंप की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित संचालित के दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए जनपदों में जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों नोडल अधिकारी तैनात किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भर्ती स्थलों में रहने-खाने, शेल्टर आदि के साथ ही बिजली, पानी, सफाई एवं टायलेट्स की उचिव व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने भर्ती स्थल में एम्बुलेंस, मेडिकल आफिसर आदि की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। युवाओं को भर्ती स्थलों तक आने-जाने में असुविधा न हो इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा बसों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
खाने पीने की उचित कीमतों को सुनिश्चित किया जाए
बैठक में मुख्य सचिव द्वारा खाने पीने की उचित कीमतों को सुनिश्चित किए जाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया। कहा कि अत्यधिक भीड़-भाड़ होने के कारण ऐसे स्थलों में महिला स्वयं सहायता समूहों की मदद भी ली जा सकती है।
सेना की वेबसाइट जाकर करें आनलाइन पंजीकरण
मुख्य सचिव ने भर्ती प्रक्रिया में भर्ती एजेंटों के नाम पर होने वाली ठगी और लेनदेन जैसी घटनाओं को रोकने हेतु पुलिस महानिदेशक को विशेष अभियान चलाए जाने एवं विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने भर्ती स्थल एवं आसपास के क्षेत्रों में लगातार कैमरों एवं सिविल इंटेलीजेंस आदि के माध्यम से निगरानी किए जाने के निर्देश दिए।

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