हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के पांच छात्रों की सीनियर छात्रों ने रैगिंग की। सूचना मिलने पर तत्काल पहुंचे प्राचार्य ने सीनियर छात्रों को जमकर फटकार लगाई और तुरंत ही अनुशासन समिति की बैठक बुलाई।
बैठक में मामला एंटी रैगिंग कमेटी को भेजने की सहमति के बाद शनिवार को कमेटी की बैठक हुई। इसमें एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के आरोपी 10 छात्रों पर 25-25 हजार का जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें छह माह के लिए हॉस्टल से बाहर करने का निर्णय लिया। आरोपी छात्रों के अभिभावकों को बुलाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, बीते शुक्रवार को दोपहर करीब ढाई बजे मेडिकल कॉलेज परिसर में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्रों ने प्रथम वर्ष के पांच छात्रों को अपने हॉस्टल में बुलाया। आरोप है कि सीनियर छात्रों ने जूनियर की रैगिंग शुरू कर दी। कई सीनियर मिलकर उनकी रैगिंग करने लगे।
इस बीच मेडिकल कॉलेज के ही एक कर्मचारी ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया और प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी को सूचना दी। प्राचार्य ने बताया कि रैगिंग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छात्रों ने भविष्य में अपना व्यवहार नहीं सुधारा, तो उन्हें परीक्षा में बैठने से भी रोका जा सकता है।
वंही बार बार हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से रैगिंग के प्रकरण प्रकाश में आने के बाद अब कॉलेज प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। जहां एक तरफ रैगिंग में संलिप्त छात्रों पर कार्रवाई तो हुई है लेकिन रैगिंग रोकने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है उनपर कार्यवाही कब करेगा शासन ?
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