उत्तराखंड पुलिस ने सिटी पेट्रोलिंग यूनिट (सीपीयू) का गठन इस मंशा के साथ किया था कि वह नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखेगी, लेकिन हुआ ठीक उलट। यातायात व्यवस्था सुधारने के बजाय सीपीयू का ध्यान हर समय वाहन चालकों का चालान करने पर रहता है। ऐसा ही एक मामला देहरादून में क्रिसमस पर देखने में आया। इसका संज्ञान लेते हुए यातायात पुलिस के उच्च अधिकारियों ने दून में सीपीयू और यातायात पुलिस में तैनात 23 दारोगाओं की चालान मशीन जब्त कर ली है। अब वह चालान नहीं कर पाएंगे। उन्हें सिर्फ यातायात का सही ढंग से संचालन करने को कहा गया है।
राजधानी में जाम की समस्या दिनोंदिन विकराल होती जा रही है। इसको लेकर प्रशासन से लेकर शासन तक के अधिकारी परेशान हैं। लेकिन, यातायात में तैनात पुलिसकर्मी ही यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने को गंभीरता नहीं दिखा रहे, विशेषकर सीपीयू जिसका एक अप्रैल 2014 को गठन ही इस उद्देश्य के साथ किया गया था। यह लापरवाही 25 दिसंबर को क्रिसमस पर पुलिस अधिकारियों ने भी देखी, जब वह शहर भ्रमण पर निकले। पुलिस अधिकारियों ने क्रिसमस पर पर्यटकों की भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए सीपीयू और यातायात पुलिस को व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए थे, लेकिन जब अधिकारी शहर में निकले तो पाया कि सीपीयू और यातायात पुलिस जाम खुलवाने के बजाय चालान काटने में जुटी है। इसी कार्यशैली से नाराज होकर सीपीयू में तैनात सभी 10 दारोगाओं के साथ ही यातायात पुलिस के 13 दारोगाओं की भी चालान मशीन जब्त कर ली गई हैं। अब थाना पुलिस, सीपीयू व यातायात पुलिस में तैनात इंस्पेक्टर रैंक के पांच अधिकारी ही चालान करेंगे।
सिर्फ एल्कोमीटर ड्यूरी के दौरान ही मिलेगी चालान मशीन –
शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ अभियान के तहत यातायात पुलिस की रात नौ से 10 बजे के बीच एक घंटे के लिए एल्कोमीटर ड्यूटी होती है। इस दौरान यदि कोई व्यक्ति शराब पीकर वाहन संचालित करते हुए पाया जाता है तो वाहन को सीज करने की कार्रवाई की जाती है। इस दौरान ही सीपीयू और यातायात पुलिस के दारोगाओं को एक घंटे के लिए चालान मशीन देने को कहा गया है।
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