घटना रेलवे स्टेशन के गांधी रोड पर गेट की है। यहां पर संजय गुप्ता निवासी गांधी रोड पान की दुकान चलाते हैं। बुधवार 8 नवंबर की रात करीब साढ़े 10 बजे उनकी दुकान पर चार-पांच युवक आए। उन्होंने पहले सिगरेट पी और फिर गुटखा लिया। कुछ बातचीत करने के बाद वहां से जाने लगे।
गुप्ता ने इस सामान का पैसा मांगा तो वे भड़क गए। सभी ने गुप्ता पर एकसाथ हमला बोल दिया। उन्होंने पहले संजय गुप्ता को दुकान से बाहर निकाला और घसीटते हुए काफी दूर तक ले गए। इसके बाद धारदार हथियार से हमला बोल दिया। हमले में उनका कान कट गया।
हमले में उनके कान पर टांके और पैर में चोट व लचक आने से पलस्तर लगाया गया है। पीड़ित ने बताया कि की आज 4 दिन बाद भी पुलिस उनका मुकदमा नही लिख रही है। बल्कि तहरीर वापस कराने का जोर बना रही है।
संजय गुप्ता ने बताया कि दूसरा पक्ष बार बार उन्हें समझौते के लिए भी कह रहा है व वह लख्खीबाग़ पुलिस चौकी के कई बार चक्कर काट चुके हैं लेकिन उनका मुकदमा नही लिखा जा रहा है। संजय ने यह भी बताया कि वह पान की दुकान चला कर अपने परिवार का गुजर बसर कर बच्चों को पढ़ाते थे, और अब ऐसी स्तिथि में कौन उनके परिवार को पालेगा ?
वंही सवाल अब यह खड़ा होता है कि एक तरफ तो राजपुर रोडपर हुई लूट के बदमाशों को पकड़ने के लिए दून पुलिस बड़े बड़े दावे कर रही है, दूसरी और इस प्रकरण में देहरादून निवासी ही कुछ बदमाशों पर मुकदमा न लिखकर संरक्षण देने का कार्य भी कर रही है।
बता दें कि जहां एक तरफ मुख्यमंत्री धामी प्रदेश में बेहतर लॉ एंड ऑर्डर स्थापित करने के लिए नई नई योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं, वंही पुलिस महकमे के ही कुछ अधिकारी उनके विजन पर इस प्रकार से पलीता लगाने पर आतुर भी हैं।
अब देखना होगा क्या संजय का मुकदमा लिखा भी जाता है या फिर संजय गुप्ता की आवाज दर दर की ठोकरें खिलाने के बाद चुप करा दी जाएगी।
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