जब नही मिला कोई बड़ा सुराग तो महकमे को STF को भी उतारना पड़ा मैदान में, 20 करोड़ की डैकती प्रकरण में फिलहाल निल बटे सन्नाटा !!

रिलायंस ज्वेलर्स के यहां डकैती पर अब सीएम पुष्कर धामी काफी सख्त हैं। उन्होंने डीजीपी अशोक कुमार और एसएसपी अजय सिंह को तलब कर हिदायद दी है।

जहाँ अभी तक जनपद के कप्तान एसएसपी अजय सिंह विभिन्न प्रकरणों में थानाध्यक्षों व कोतवालों को अल्टीमेटम देते थे व लूट / डैकती जल्द न खोलने के एवज में हटाने की बात कहते थे वंही आज मुख्यमंत्री धामी ने ही जनपद के कप्तान को ही अल्टीमेटम दे दिया है।

फिलहाल देखा जाए तो दून पुलिस को लूटेरों के वाहनों के इलावा कुछ और हाथ न लग सका है। बता दें कि कप्तान के आदेशों के बाद से दून पुलिस की कई टीमें अन्य प्रदेशों में दबिश देकर बदमाशों की खोजबीन कर रही है।

वंही एक टीम डकैती की कई घटनाओं में शामिल रहे बिहार के सुबोध गिरोह के सरगना सुबोध से पूछताछ करने के लिए महाराष्ट्र रवाना हो गई है। बता दें कि सुबोध को महाराष्ट्र पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर बिहार जेल से लातूर लाया जा रहा है।

STF को भी उतारा गया मैदान में –

घटना की गंभीरता व दून पुलिस के खाली हाथों को देखते हुए महकमें ने STF यानी स्पेशल टास्क फोर्स को भी बदमाशों की धरपकड़ के लिए मैदान में उतार दिया है।

चुनाव से ठीक पहले, लॉ & ऑडर पर सवाल

लोकसभा व विधानसभा चुनाव में जहां प्रदेश का लॉ & ऑडर वोट बटोरने का लिए अहम मुद्दा होता है वंही उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस प्रकरण ने पुलिस के साथ साथ सरकार को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। आमजन की माने तो उत्तराखंड के इतिहास में पहले कभी इतनी बड़ी लूट नही पड़ी है व सरकार को इस घटना के बाद कड़ा कदम उठाना चाहिए।

बधाई के बहाने हो रही देहरादून के लिए पैरवी –

डैकती के बाद एसएसपी देहरादून की कुर्सी पर काबिज होने के लिए एक डायरेक्ट IPS व एक प्रोमोटी ने खुद व दूसरों के माध्यम से पैरवी करानी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि अगर अगले कुछ दिनों में बदमाश पकड़े नहीं जाते तो जनपद के कप्तान की कुर्सी खतरे में आ सकती है। इस मौके को लपकने के चक्कर में कुछ आईपीएस ने मुख्यमंत्री को दीपावली की बधाई देने के बहाने देहरादून की पैरवी करनी अभी से शुरू कर दी है।

केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने लिखा पत्र, राष्ट्रपति की सुरक्षा में हुई चूक –

राष्ट्रपति की देहरादून यात्रा के दौरान हुई डकैती को लेकर एक राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने इसे सुरक्षा में चूक बताया है सूत्रों की माने तो एजेंसी की ओर से शासन को इस संबंध में पत्र भी भेजा गया है। राष्ट्रपति के दौरे के दौरान पूरी सुरक्षा व्यवस्था ब्लू बुक के अनुसार तय होती है। इस दौरान परिंदा भी पर नहीं मार सकता है तो ऐसे में शहर में डकैत घिरोह कैसे घूम रहा था। एजेंसी की रिपोर्ट के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप बचा हुआ है राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर काफी दिनों से पुलिस अलर्ट मोड पर थी, देहरादून की ही नहीं बल्कि अन्य जिलों से अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी भी राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगाई गई थी। इसके बावजूद भी शहर में डकैतों का घुसना पुलिस सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है क्योंकि पुलिस ने जहां राष्ट्रपति का दौरा था वहां तो पूरी फोर्स लगा दी बाकी शहर भगवान भरोसे छोड़ दिया। हालांकि अधिकारी इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं।