देहरादून में दिन पर दिन बढ़ती भिक्षावृत्ति, जिम्मेदार कौन ??

देहरादून में दिन पर दिन भिक्षावृत्ति एक व्यवसाय का रूप लेने लगी है। स्थिति यह है कि हर दिन जनपद के सभी छोटे बड़े चौक – चौराहों पर दूसरे राज्यों से आने वाले भिखारियों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है !!

यह स्थिति तब है जब उत्तराखंड में सार्वजनिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध लगा हुआ है। प्रदेश सरकार ने इसके भिक्षावृत्ति निषेध अधिनियम भी लागू किया गया !!

इस अधिनियम में यह कहा गया है कि सार्वजनिक स्थलों पर भीख मांगते या देते हुए पकड़े जाने पर यह अपराध की श्रेणी में होगा और इसमें बगैर वारंट गिरफ्तारी भी हो सकती है।

दूसरी बार अपराध सिद्ध होने पर सजा की अवधि पांच साल तक हो सकती है। निजी स्थलों पर भिक्षावृत्ति की लिखित और मौखिक शिकायत पर अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

नाम के लिए कानून तो बना दिया गया है लेकिन भिक्षावृत्ति पर रोक नहीं लग पाई।

वंही दूसरी ओर उत्तराखंड पुलिस द्वारा बीच बीच मे ऑपरेशन मुक्ति अभियान शुरू तोह किया जाता है लेकिन फोर्स व संसाधनों की कमी के कारण यह अभियान भी कुछ दिन ही चल पाता है !!

आपको बता दें कि ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत मासूम बच्चों को भिक्षा की प्रवृत्ति से छुटकारा दिलाकर शिक्षा दिलाए जाने की कोशिश उत्तराखंड पुलिस द्वारा की जाती है

अभियान के तहत भिक्षावृत्ति में फंसे बच्चों के परिजनों को भी इन मासूम बच्चों की पढ़ाई के लिए जागरूक किया जाता है !!