ड्रोन टेक्नोलॉजी में उत्तराखंड के बढ़ते कदम, मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक ITDA के हुए कायल

ITDA (इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी) उत्तराखंड की संस्था DARC (ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर) अपने नए नए अविष्कारों से प्रदेश में ही नही बल्कि देश भर में अपना लोहा मनवा रहा है।

हाल ही में दिल्ली के प्रगति मैदान में हुए दो दिवसीय ड्रोन महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित ITDA व DARC के नए आविष्कारों व नभ नेत्र वाहन को लेकर रुचि दिखाते हुए डायरेक्टर ITDA से इनके बारे में जानकारी ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उक्त कार्यक्रम में इन्नोवेटिव खोज से प्रभावित होकर डायरेक्टर ITDA अमित सिन्हा की पीठ भी थपथपाई थी।

वंही शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से ‘नभ नेत्र’ का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है, किसी भी आपदा की स्थिति में ड्रोन तकनीक पर आधारित यह मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन आपदा संबंधी डाटा जुटाने में कारगर साबित होगा।

ITDA निदेशक अमित सिन्हा (आई.पी.एस) ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आने या आपात स्थिति बनने के समय डेटा जुटाने, प्रोसेस करने और स्थिति पर निगरानी रखने जैसी चुनौतियां रहती हैं। अब इन तमाम मोर्चों के लिए ड्रोन तकनीक की मदद बड़े पैमाने पर ली जा सकेगी । इसके लिए ड्रोन एप्लिकेशन रिसर्च सेंटर ने मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन विकसित किया है जिसका उद्देश्य आपदा या आपातकालीन स्थिति के दौरान ड्रोन का उपयोग करने एवं ड्रोन के माध्यम से डेटा एकत्रित करने में किया जायेगा।

इसके साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से आपदा पूर्व एवं आपदा पश्चात मानचित्र तैयार किया जाएगा। यह स्टेशन पूरी तरह एक वाहन पर स्थापित किया गया है। इस ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन को डेटा प्रोसेसिंग के लिए हाई स्पीड वर्कस्टेशन, बैंडविड्थ एग्रीगेशन और बिना नेटवर्क ज़ोन वाले क्षेत्रों के लिए वी-सैट से युक्त किया गया है।

इस वाहन का उपयोग उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन और सभी संवेदनशील आपदा संभावित क्षेत्रों की 3डी मैपिंग के लिए किया जाएगा।