उत्तराखंड के किस IPS के दबाव में लिखाया गया अपाहिज पर रेप का मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट ने CBI व उत्तराखंड सरकार से मांगा जवाब !!

सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार व CBI से चार हफ्तों के भीतर मांगा जवाब !!

याचिका में उत्तराखंड के एक आईपीएस का भी जिक्र !!

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के आरोपी व दिल्ली सरकार के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एवी प्रेमनाथ को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।

वंही शीर्ष अदालत ने फिलहाल अंतरिम कार्यवाही पर लगाई रोक !!

याचिकाकर्ता (पूर्व अधिकारी एवी प्रेमनाथ) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दामा शेषाद्री नायडू ने अदालत को बताया कि चिकित्सा अधिकारी, सरकारी अस्पताल, रानीखेत की रिपोर्ट, जिस पर अल्मोड़ा के रिमांड मजिस्ट्रेट द्वारा भी प्रतिहस्ताक्षर किया गया है, इस तथ्य को दर्ज करती है कि पूर्व अधिकारी एवी प्रेमनाथ हाथ से 100 फीसदी विकलांग हैं। उक्त रिपोर्ट तब बनाई गई थी जब याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया गया था और मजिस्ट्रेट के सामने पेशी के समय उनकी चिकित्सकीय जांच की गई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह मुकदमा अक्टूबर 2022 जनपद अल्मोड़ा का है, जिसमें डांडाकांडा स्कूल की 17 वर्षीय छात्रा से छेड़छाड़ के आरोपित दिल्ली सरकार में प्रशासनिक अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोपी दिल्ली सचिवालय में संयुक्त सचिव पद पर तैनात एवी प्रेमनाथ व उसकी पत्नी का डांडाकांडा गांव में प्लीजेंट वैली फाउंडेशन एनजीओ के नाम से स्कूल है।

प्रकरण में जुड़ा उत्तराखंड के आईपीएस का नाम

याचिकाकर्ता ने याचिका में खुलासा करते हुए कहा कि 2016 में वह दिल्ली में लेबर कमिश्नर के पद पर तैनात था, इस दौरान उन्होंने कई घोटालों व शैल कंपनियों का खुलासा किया था। याचिका में यह भी कहा गया कि इन शैल कंपनियों का सीधा संबंध उत्तराखंड में तैनात एक आईपीएस से है, जिसके कारण आहत होकर उस आईपीएस अधिकारी व उसके बिजनेस पार्टनरों के दबाव में उस पर यह फर्जी मुकदमा लिखवाया गया।

मामले की गंभीरता देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार व सीबीआई से 4 हफ्तों के भीतर मांगा जवाब !!