विधानसभा में डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति ना करने पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सहित 5 राज्यों से मांगा जवाब, खुल सकती है उत्तराखंड के एक और विधायक की किस्मत !!

लोकसभा और पांच राज्यों की विधानसभा में अरसे से डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति ना करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट न्यायिक परीक्षण करने को तैयार हो गया है। केंद्र, लोकसभा सचिवालय और पांच राज्यों के विधानसभा सचिवालयों को नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब मांगा है।

चीफ जस्टिस ने सभी पक्षकारों से दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का हुक्म दिया है व मामले में अटॉर्नी जनरल आर वेंकेटरमणी से आग्रह किया है कि वो इस मसले पर कोर्ट की सहायता करें।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा गया है कि लोकसभा के अलावा राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और झारखंड विधानसभाओं में नियमों के मुताबिक डिप्टी स्पीकर के पद पर चुनाव नहीं कराए गए हैं। यानी वहां संविधान में वर्णित डिप्टी स्पीकर का संवैधानिक पद भरा ही नहीं गया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट केंद्र और राज्यों को ये पद भरने के आदेश जारी करे।

हरियाणा विधान सभा नियमावली का हवाला

याचिका में हरियाणा विधान सभा नियमावली का हवाला प्रमुखता से दिया गया है कि वहां विधान सभा कार्यकारी क्रियान्वयन नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि स्पीकर यानी अध्यक्ष के चुनाव के सात दिनों के भीतर उपाध्यक्ष यानी डिप्टी स्पीकर का चुनाव कराना अनिवार्य है। ऐसी ही स्वस्थ और नियमसंगत परंपरा और प्रावधान सारे राज्य और स्वयं लोकसभा में भी संहिताबद्ध होने चाहिए।