DGP की दो टूक नियमानुसार हो ट्रांसफर-पोस्टिंग, मैदान में जमे अंडर ट्रांसफर मठाधीश भी जल्द चढ़ेंगे पहाड़ !!

पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में हुई अपराध एवं कानून व्यवस्था अनुभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान डीजीपी अभिनव कुमार ने दिए निम्न निर्देश –

  1. एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित Crime in India की तर्ज पर जनपदों की आबादी एवं वहाँ स्वीकृत पुलिस बल के सापेक्ष Crime in Uttarakhand का प्रकाशन किये जाने का निर्णय लिया गया ।
  2. आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 के दृष्टिगत निर्धारित अवधि पूरी करने वाले कार्मिकों के स्थानान्तरण समय से सुनिश्चित कर लिये जाये।
  3. समन, नोटिस को मोबाइल/ वाट्सअप्प/ ई-मेल के माध्यम से तामील की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
  4. विवेचनाऐं समयावधि के अन्दर पूर्ण हो, निरीक्षक एवं उप निरीक्षकों के स्थानान्तरण में पुलिस एक्ट के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए व ट्रांसफर पॉलिसी के तहत आने वाले सभी अंडर ट्रांसफर पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर जल्द से जल्द कर दिए जाएं।
  5. अपराध सम्बन्धी ऑकडों के प्रारूप सीसीटीएनएस में डिजाइन कर ऑनलाइन जनरेट किये जाये।
  6. नारकोटिक्स एवं ट्रैकर डॉग की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
  7. आवारा पशुओं से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत गौ वंश संरक्षण स्कवाड ऐसे पशुओं का चिह्नीकरण कर उन्हें गौशालाओं में भिजवाने में नगर निगम/ पालिका का सहयोग करें।

वंही अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन कहा कि पुलिस मुख्यालय को प्राप्त ऐसी शिकायतें जिसमें आरोप सही पाये गये हैं, उन पर कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये । लॉ एण्ड आर्डर में अच्छा कार्य करने वाले जनपद प्रभारियों को पुरूस्कृत करने पर भी विचार किया जाएगा।

पूर्व डीजीपी द्वारा शुरू की गई यह व्यवस्था को भी किया गया खत्म –

पूर्व डीजीपी अशोक कुमार द्वारा शुरू किये गए व्हाट्सएप नंबर पर विभागीय समस्या समाधान व्यवस्था को अब आदेश जारी कर खत्म कर दिया गया है। ADG प्रशासन अमित सिन्हा के द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, प्रायः में देखा गया है कि पुलिस कर्मी बिना थाना/शाखा प्रभारी, उपाधीक्षक, जनपद प्रभारी, उपमहानिरीक्षक को अनुरोध पत्र भेज, सीधा व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से पुलिस मुख्यालय को अपनी समस्या बता रहे थे जो की अनुशासन की दृष्टि से सही नहीं है। जिसके तहत अब इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है।