जहाँ एक तरफ पुलिस विभाग में कई कर्मचारी जुलाई में होने वाले प्रोमोशन व डीपीसी का इन्तेजार कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर इस बार पुलिस मुख्यालय में फंसा एक पेंच इस इंतजार को और लम्बा कर देगा।
बता दें कि इस बार पुलिस मुख्यालय के लिए गले की फांस DSP/CO पद पर पदोन्नति नीति व निरीक्षकों की मेरिट सूची है जिस पर अभी तक स्तिथि साफ नही हो पाई है।
DSP पद पर विवाद की असल वजह इस बार LIU व PAC कोटे से बड़ी संख्या में पदोन्नत हो रहे इंस्पेक्टर है, जिसका विरोध सिविल / नागरिक पुलिस के इंस्पेक्टरों द्वारा किया जा रहा है। विरोध भी ऐसा की PHQ से शासन तक नागरिक पुलिस के कई इंस्पेक्टर मौजूदा नियमावली बदलने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं।
DSP पद पर प्रोमोशन में देरी का सीधा असर इंस्पेक्टर व दरोगा पद के प्रोमोशन पर भी देखने को मिलेगा, जब तक ऊपरे पद खाली नहीं हो पाएंगे तब तक निचने पदों पर भी प्रोमोशन लटका रहेगा।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 30 जून तक उत्तराखंड पुलिस में DSP/ CO रैंक के सीधी भर्ती के 27 पद, पदोन्नति कोटे के 11 व ज्येष्ठ वेतनमान के 5 पद रिक्त हो रहे हैं। पुलिस मुख्यालय पूर्व में DSP पद हेतु प्रोमोशन नियमावली को बदलने जा रहा था जिसपर शासन ने फिलहाल ब्रेक लगा दिया है, अभी मुख्यालय स्तर पर निरीक्षकों की अंतिम वरिष्ठता सूची बनाई जा रही है, जिसके जारी होने के पश्चात तत्समय प्रचलित नियमावली के अंतर्गत यह प्रमोशन किए जाएंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड पुलिस में DSP रैंक के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 113 है, जिसमें से 30 जून तक 43 पद खाली हो जाएंगे। जो कि एक बड़ा आंकड़ा है जिसको भरने के लिए सरकार को जल्द ही प्रमोशन व सीधी भर्ती से इन पदों को भरना पड़ेगा, वरना उत्तराखंड में पुलिस उपाधीक्षक की कमी देखने को मिल सकती है।
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