उत्तराखंड में गौवंश की सुरक्षा के लिए शराबियों का होगा बड़ा योगदान, बस एक बोतल शराब खरीद ली तो समझिए हो गई गौ सेवा

उत्तराखंड में गौवंश की सुरक्षा और उनके संवर्धन के लिए शराबियों का बड़ा योगदान होने जा रहा है। राज्य में आवारा गौवंश की बेहतर देखरेख को राज्य सरकार ने शराब से जोड़ दिया है। इसके तहत उत्तराखंड में जितनी ज्यादा शराब की खपत होगी, पशुपालन विभाग गौवंश को लेकर उतना ही बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित हो सकेगा।

उत्तराखंड के लोग और यहां आने वाले हजारों लाखों यात्री शराब पीकर गौवंश के लिए अपना अहम योगदान निभा रहे हैं। सुनने में यह बात अटपटी जरूर है, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने गौवंश और शराब का एक अलग कनेक्शन जोड़ दिया है। वैसे तो हिंदू मान्यता में गौवंश भावनाओं से जुड़ा विषय है और इसके ठीक उलट शराब का नशे के रूप में धार्मिक लिहाज से तिरस्कार किया जाता रहा है। लेकिन अब उत्तराखंड में धार्मिक लिहाज से ठीक उलट इन दोनों ही मामलों में एक अलग कनेक्शन जोड़ा गया है।

दरअसल, राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत नया नियम लागू किया है। जिसके अनुसार प्रदेश में बिकने वाली शराब की हर बोतल से ₹1 गौवंश की बेहतरी के लिए खर्च किया जाएगा। आपको यह रकम भले ही कम लग रही हो, लेकिन इस बात को सुनकर आप चौक जायेंगे कि इसी नियम के जरिए इस बार पशुपालन विभाग को आबकारी विभाग से करीब 12 से 15 करोड़ रुपए मिलने जा रहे हैं। इसको लेकर राज्य सरकार की तरफ से पूर्व मंजूरी दी गई थी। प्रदेश में पशुपालन विभाग के वित्तीय रूप से हमेशा बेहद कमजोर हालत में दिखाई देता रहा है। साल 2023 24 में पशुपालन विभाग के लिए करीब 617 करोड़ का बजट पास किया गया है।