नगर निगम देहरादून एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार नगर निगम की ओर से कूड़ा उठान के लिए लगाए गए ट्रैक्टर ट्रॉली के भुगतान में अनियमितता का मामला सामने आया है। वंही अब मुख्य नगर आयुक्त मनुज गोयल ने मामला प्रकाश में आने के बाद जांच के आदेश दे दिए हैं।
देहरादून नगर निगम क्षेत्र में इकट्ठा होने वाले कूड़ा, मलबा और सिल्ट आदि को उठाने के लिए किराए पर 47 ट्रैक्टर ट्रॉली लगाई गई हैं। प्रति ट्रैक्टर ट्रॉली को प्रतिदिन के हिसाब से नगर निगम की ओर से 1,777 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। बड़ी बात यहां ये है कि ट्रैक्टर ट्रॉली तीन की जगह केवल एक ही फेरा लगा रहे हैं। अनुबंध में साफ लिखा है कि अगर फेरे कम होंगे तो भुगतान में कटौती की जाएगी।
नगर निगम में किस तरह से गड़बड़झाला हुआ है, दरहसल नगर निगम की ओर से 1 सितंबर से 30 सितंबर तक मैसर्स दयाशंकर बलूनी को 1770 रुपए प्रति ट्रैक्टर प्रतिदिन के हिसाब से 47 ट्रैक्टर ट्रॉली का 25,05,570 रुपए का भुगतान किया गया। अनुबंध के हिसाब से 1 महीने में 47 ट्रैक्टर ट्रॉली की ओर से 4,230 फेरे लगने चाहिए थे। लेकिन भुगतान के समय मात्र 1410 फेरे दिखाए गए हैं। जब अनुबंध में एक दिन में तीन फेरे लगाने का प्रावधान है तो क्यों प्रतिदिन एक फेरे का कंपनी को पूरा भुगतान किया जा रहा है।
कम्पनी से सांठगांठ कर पार्षदों ने तक ने लगवा दिए अपने ट्रैक्टर –
विभागीय सूत्र बताते हैं कि 47 ट्रैक्टरों में से पार्षदों ने भी कायरदायी कंपनी से सांठगांठ कर अपने ट्रैक्टर भी निगम में लगवाए हुए हैं जो कि एग्रीकल्चर श्रेणी के हैं। एग्रीकल्चर श्रेणी के ट्रैक्टर का इस्तेमाल कमर्शियल में होने से भी नगर निगम पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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