जमीनों के बढ़ते झगड़े व लैंड फ्रॉड से जागरूकता के लिए पीसीएस अधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी ने अपना यू-ट्यूब चैनल भूमि पाठशाला शुरू किया है। इस चैनल में वह लोगों को जमीन खरीदने, किसी प्लाट को जांचने, अवैध कब्जों की पहचान, बिना सक्षम प्राधिकारी के लेआउट स्वीकृत कराए बिना निजी भूमि पर की जा रही प्लॉटिंग जैसे विभिन्न विषयों पर लोगों को जागरूक करते दिखेंगे।
2014 पीसीएस बैच के शैलेन्द्र सिंह नेगी इस समय डोईवाला के एसडीएम है। इससे पहले वह ऋषिकेश, मसूरी के एसडीएम समेत मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण में संयुक्त सचिव भी रहे। शैलेन्द्र नेगी को यू-ट्यूब चैनल बनाने का ख्याल अपने आसपास के लोगों की समस्याओं को देखकर आया।
बकौल शैलेन्द्र उत्तराखंड हो या उत्तर प्रदेश सभी जगह भूमि संबंधी विवाद के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे मामलों के कारण उनके पास दोस्तों, सहपाठियों, परिचितों, पड़ोसियों व रिश्तेदारों के मदद संबंधी अनेक फोन आते थे। हरेक को फोन पर भूमि संबंधी जानकारी दे पाना व समझाना उनके लिए जब संभव नहीं हुआ तो उन्होंने इसका रास्ता यू-ट्यूब चैनल के रूप में मिला। वह चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग न सिर्फ उनकी इस नवाचारी पहल का लाभ उठाएं बल्कि अपनी समस्याओं के सवाल बनाकर भी उन्हें दें ताकि वह भू-राजस्व अधिनियम एवं भू-राजस्व नियमावली व अन्य नियमावली की सटीक जानकारी दे सकें।
उनका सुझाव है कि अपने जीवनभर की जमा पूंजी लगाकर जमीन खरीदने से पहले सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृत लेआउट मानचित्र जरूर लें। खरीदी जाने वाली भूमि का भू-राजस्व अभिलेखों एवं राजस्व विभाग से भी परीक्षण करा लेना चाहिए।
आपको बता दें कि दूरस्थ गांव में पले और दुर्गम स्कूल में पढ़े शैलेंद्र नेगी ने उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा 2010 में टॉप किया था। वह मूलत ग्राम चुरानी ब्लॉक रिखणीखाल पौड़ी गढ़वाल के निवासी हैं। इंटर तक की शिक्षा सींकूखाल पौड़ी से हुई। वह दून के उन्नति विहार निवासी शैलेंद्र डायट देहरादून में अंग्रेजी प्रवक्ता रहे, डेपुटेशन पर दून में सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान(रमसा) में समन्वयक रहे। शिक्षक बनने पर भी उन्होंने पीसीएस अफसर का सपना देखा। आखिरकार 2010 में चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिली।
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