IAS तबादला सूची के पीछे की कहानी, कुछ इस प्रकार… !!

लम्बे इन्तेजार के बाद आखिरकार कार्मिक विभाग ने तबादला सूची जारी कर दी है। आखरी 3 दिन से इस तबादला सूची के लिए सचिवालय के चतुर्थ तल पर काफी होमवर्क किया जा रहा था जिसको अब अंतिम रूप देकर जारी कर दिया गया है

इस तबादला सूची के कोई कुछ मायने निकाल रहा है तो कोई कुछ अगर हाल ही में हुए कुछ घटनाक्रम को जोड़ा जाए तो इस सूची की कहानी काफी हद तक साफ दिख जाती है।

सबसे पहले बात करें गृह विभाग की तो चुनाव आयोग के दखल के बाद अचार संहिता के दौरान सचिव मुख्यमंत्री शैलश बगोली से गृह विभाग हटा दिया गया था, तबसे ही माना जा रहा था कि धामी सरकार चुनाव के बाद पुनः शैलश बगौली को गृह विभाग की कमान वापस देगी।

कुछ दिन पूर्व कृषि विभाग में हुए एक प्रकरण के बाद से माना जा रहा था कि निश्चित ही इस तबादला सूची में सचिव की कुर्सी हिलनी तय है। बता दें कि कुछ दिन पूर्व विभागीय बैठक के दौरान एक दमदार वरिष्ठ महिला अधिकारी व सचिव साहब की किसी बात को लेकर काफी गुत्थमगुत्था हो गयी थी, उक्त बैठक को बीच में ही छोड़ अधिकारी शासन के एक पावरफुल सचिव से मिले व विभाग उनसे हटाने का आग्रह करने लगे। प्रकरण बढ़ता देख टॉप बॉस ने भी दोनों अधिकारियों को अलग अलग करने का मन कुछ दिन पूर्व ही बना लिया था, जिससे भविष्य में ज्यादा छीछालेदर न हो सके।

इस तबादला सूची में सबसे पावरफुल जो हुआ है वह है सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम। सरकार कोई भी हो लेकिन अपनी कार्यप्रणाली से सबका विश्वास जीतने वाले आर मीनाक्षी सुंदरम इस सरकार में भी दिन पर दिन पावरफुल होते जा रहे हैं। हाल की बात करें तो उन्हें अब ऊर्जा, नियोजन, श्रम, कर्मकार कल्याण बोर्ड, प्रबंध निदेशक निवेश UIIDB के साथ ही अब सचिव आवास व आयुक्त आवास का जिम्मा भी दे दिया गया है।

स्टडी लीव से वापस लौटे नितेश झा की शासन में एक बार फिर एंट्री हो गयी है। फिलहाल उन्हें शहरी विकास व सूचना व विज्ञान प्रौद्योगिकी जरूर दिया गया है लेकिन शासकीय सूत्रों की माने तो अगले कुछ माह में उन्हें सचिव राधिका झा के ग्राम्य विकास व ग्राम्य निर्माण सहित समस्त विभाग देने की तैयारी है।

बात करें आपदा विभाग की तो महकमे में वरिष्ठ कर्मचारियों के इस्तीफों के दौर के बाद से एक अलग सा भूचाल सा आ गया था, DOON MIRROR ने भी खबर प्रसारित कर बताया था कि विभाग की कार्यप्रणाली से त्रस्त टॉप कर्मचारी कैसे एक के बाद इस्तीफे दे रहे हैं। उक्त घटनाक्रम के बाद से गहमागहमी के बीच सचिव आपदा ने खुद विभाग छोड़ने का निर्णय लिया व जब प्रकरण मुख्यमंत्री तक पंहुचा तो उन्होंने भी आपदा की जिम्मेदारी दूसरे को देने में समय न लगाया।

अनोखे आदेशों के बाद चर्चा में आये सचिव हरीश चंद सेमवाल से अब सरकार ने उनका अकेला बचा महत्वपूर्ण विभाग पंचायती राज विभाग भी छीन लिया है। बता दें कि आपके अपने DOON MIRROR ने खबर प्रसारित कर बताया था कि कैसे सचिव साहब ने पंचायती राज विभाग में नियमविरुद्ध कुछ आदेश जारी कर दिए थे। खबर प्रसारित होने के बाद मुख्यमंत्री ने स्वयं प्रकरण का संज्ञान लिया व पंचायती राज विभाग में गलत तरीके से ससपेंड किये गए जॉइंट डायरेक्टर को बहाल करना पड़ा। उत्तराखंड शासन के इतिहास में पहली बार यह भी देखने को मिला कि सचिव पंचायतीराज द्वारा गलत तरीके से किये तबादलों को निदेशक पंचायती राज ने विभन्न नियमों व शासनादेश का हवाला देकर रोक दिया। उक्त अनोखे प्रकरण के बाद से यह माना जा रहा था कि भविष्य में होने वाली छीछालेदरी से बचते हुए सचिव को ही हटा दिया जाएगा व उन्हें स्वास्थ्य लाभ हेतु रेस्ट दिया जाएगा।

गौ सेवा में दिलचस्पी व वेटनरी पृष्ठभूमि रखने वाले सचिव बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम के आग्रह पर एक बार फिर धामी सरकार ने उन्हें उनके विभाग लौटा दिए हैं। बता दें कि CEO निर्वाचन की जिम्मेदारी के कारण उनसे चुनाव के बीच पशुपालन, दुग्ध विकास व मत्स्य विभाग हटा दिया गया था।

पराग मधुकर धकाते वह IFS अधिकारी हैं जो लगातार 3 मुख्यमंत्रियों के विशेष सचिव रहें हैं। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी IFS अधिकारी को शासन में किसी विभाग की जिम्मेदारी दी गयी है। बता दें कि धकाते शासन के साथ साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उत्तराखंड, वन पंचायत व नोडल अतिक्रमण, नोडल शिकायत हेल्पलाइन 1905 की कमान भी संभाले हए हैं। अपने इनोवेटिव आईडिया के कारण ही दिन प्रतिदिन इनके विभाग की संख्या भी बढ़ती जा रही है।

स्वास्थ्य लाभ ले रहे सचिव एस.एन पांडेय को धामी सरकार ने थोड़ा रेस्ट दिया है उनसे वित्त, आवास व ऑडिट जैसे बड़े विभाग हटाये गए हैं। जानकारों की माने तो स्वास्थ्य परिस्थितियों के कारण व स्वयं के आग्रह पर एस.एन पांडेय के विभाग हटाये गए हैं।

शासन के कोने में वनवास सा काट रहे ITS अधिकारी दीपक कुमार को थोड़ी सी राहत मिली है उन्हें सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन के साथ अब जनगणना व संस्कृत शिक्षा की जिम्मेदारी दी गयी है। वंही हैरत की बात यह है कि अब IAS अधिकारी व महानिदेशक संस्कृति हरिचन्द सेमवाल भी उनके अधीन काम करेंगे।

नही बदला गया सचिव पर्यटन

चारधाम यात्रा में देखी गयी अव्यवस्था व मीडियाकर्मियों द्वारा खबरों से की गई घेरा बन्दी के बाद माना जा रहा था कि इस सूची में सचिन कुर्वे से पर्यटन विभाग हटाया जा रहा है लेकिन इतने विरोध व मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद भी ऐसा कुछ न हो सका।

CS के पास ही दोनों निगमों का अतिरिक्त चार्ज – उत्तराखंड के इतिहास में अक्सर परिहवन निगम व ऊर्जा निगम के अध्यक्ष का चार्ज हमेशा से ACS रैंक के अधिकारियों को दिया गया है। लेकिन इस बार दोनों ही चार्ज मौजूदा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अतिरिक्त प्रभार के तौर पर रखे हुए हैं। चर्चा थी कि इस बार यह जिम्मेदारी ACS आनंद वर्धन को दी जाएंगी लेकिन ऐसा न हुआ।