जहां एक तरफ विभिन्न क्षेत्रों में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं। हर कठिन से कठिन कार्यों में योगदान दे रही हैं लेकिन उत्तराखंड अग्निशमन विभाग में हुई फायरमैन की भर्ती ने विभागीय अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है।
इस भर्ती महिलाओं व पुरुषों के पद तय नहीं होने के कारण कुल 445 पदों में से 320 महिला और मात्र 125 पुरुष भर्ती हुए हैं। बता दें कि फायर सर्विस में पहली बार महिलाओं की भर्ती हुई है, जिसमें से महिलाओं को 30% क्षैतिज आरक्षण दिया गया, लेकिन जनरल कोटे में भी महिलाओं ने टॉप किया जिस कारण इस बार इतनी सारी महिलाओं की भर्ती हुई है।
इसलिए बढ़ी विभाग की चिंता – फायर सर्विस इमरजेंसी में काम करती है आग लगना, विकट परिस्थितियों में विकराल आग बुझाने, कोई बड़ा हादसा और पेड़ गिरने की स्थिति में सबसे पहले फायर ब्रिगेड को ही मौके पर जाना पड़ता है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर उन्हें कभी कभी 24 घंटे की ड्यूटी भी करनी पड़ती है जो महिला कर्मियों के लिए ज्यादा जोखिम भरा हो सकता है।
फायर सर्विस में बड़ी संख्या में भर्ती महिलाओं की ड्यूटी कहां लगाई जाए विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है दूसरी और कुछ युवकों ने चयन प्रक्रिया के विरुद्ध उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है।
वहीं इस मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि आगे होने वाली भर्तियों के लिए नई नियमावली तैयार की जा रही है।
लेकिन सवाल अभी भी बरकरार है कि क्या जल्दबाजी में कराई गई थी यह सभी भर्तियां ? जिस कारण आज यह परिस्थिति उतपन हुई है।
Editor