यूपी में दुधवा नेशनल पार्क में तीन बाघों की मौत पर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को पद से हटाए जाने के बाद उत्तराखंड में 12 बाघों की मौत के बाद भी कोई कार्रवाई ना होने पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, यहां भी सरकार ने बाघों की मौत पर जांच तो बैठा दी है।
उत्तराखंड में इस साल पांच माह में कॉर्बेट में पांच सहित 12 बाघों की मौत हुई है। जबकि, कॉर्बेट में एक बाघिन शिकारियों के फंदे में फंसकर गंभीर घायल भी है। इन मामलों को लेकर एनटीसीए ने भी रिपोर्ट मांगी थी। सरकार ने भी पिछले माह चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को जांच के निर्देश दिए थे। डॉ. समीर सिन्हा चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन कॉर्बेट ने बताया है कि तराई में सबसे ज्यादा बाघ मरे। जांच कुमाऊं चीफ को सौंपी गई थी। जिसकी रिपोर्ट में कुछ कमियां थी। जल्द रिपोर्ट कार्रवाई के लिए सरकार को भेजी जाएगी।
बता दें कि बाघ एक संरक्षित प्रजाति का जीव है, प्रदेश में बाघों के संरक्षण पर प्रतिवर्ष मोटी रकम खर्च की जाती है। इसके बाद भी एक के बाद एक लगातार बाघों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सरकार और वन विभाग पर सवाल उठना लाजमी है। अब देखना होगा यूपी के तर्ज पर उत्तराखंड में भी लापरवाह वन अधिकारियों पर गाज गिरती है या फिर यह ढर्रा ऐसे ही चलता रहेगा।
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