जारी शासनादेश को लागू नही करा पा रहे सचिवालय में बैठे मठाधीश, अब इंजीनियरों ने भरी प्रादेशिक आंदोलन की हुंकार !!

उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने शासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। पुराने शासनादेशों का भी लाभ न दिए जाने पर नाराजगी जताई। महासंघ ने सभी मांगों को 30 नवंबर तक पूरा किए जाने की मांग की। इसके बाद सीधे आंदोलन का अल्टीमेटम दिया।

महासंघ अध्यक्ष एसएस चौहान ने कहा कि जिन मांगों के निस्तारण को लेकर शासनादेश हो चुके हैं, उनका भी लाभ कर्मचारियों को न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। पदोन्नति के अधिक अवसर न होने के कारण इंजीनियरों को दस साल की सेवा के बाद भी 5400 ग्रेड पे का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इस लाभ को देने को लेकर 17 दिसंबर 2015 को जीओ तक जारी हो चुका है। जेई और अपर सहायक अभियंता को दस साल की सेवा के बाद एई के ग्रेड वेतन 5400 मिलना था।

महासचिव मुकेश रतूड़ी ने कहा कि समूह ख इंजीनियरों के साथ भी भेदभाव हो रहा है।

कार अनुरक्षण भत्ता मंजूर किए जाने को वर्ष 2015, 2016 में मुख्य सचिव और वर्ष 2018 में वित्त मंत्री के फैसले लेने के बाद भी अभी तक जीओ नहीं हुआ है। अभी तक सभी इंजीनियरिंग विभागों की एक समान सेवानियमावली जारी नहीं हुई है। ऊर्जा निगमों में जूनियर इंजीनियरों को ग्रेड वेतन 4800 का लाभ एक जनवरी 2009 से काल्पनिक और एक मार्च 2013 से वास्तविक रूप से दिया जाए