उत्तराखंड पुलिस विभाग द्वारा कोविड संक्रमण रोकने हेतु दिनांक 01 जनवरी, 2022 से दिनांक 10 जनवरी, 2022 तक की गयी कार्यवाही में कुल 56 लाख की धनराशि वसूली है !!
आपको बता दें कि यह वही पुलिस विभाग है जिसके कर्मचारी आज कल अपने हक का ग्रेड पे लेने के लिए सड़कों पर धक्के खा रहे हैं !!
वंही सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला विभाग भी अपने कर्मचारियों को उनके हक का ग्रेड पे दिलाने में असफल रहा !!
नही थम रहा ग्रेड पे विवाद !!
सोशल मीडिया में तैर रहे इस्तीफों की मानो बौछार सी लग गयी है, हर दिन किसी न किसी पुलिस कर्मचारी का इस्तीफा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आपको तैरता मिल जाएगा !! सूत्रों के मुताबिक अभी तक 20 से 25 पुलिसकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया है, हालांकि महकमे द्वारा अभी तक इन इस्तीफों को स्वीकार नहीं किया गया है !!
एरियर की किश्त भी अटकी !!
जहां एक तरफ उत्तराखंड के हर सरकारी विभाग के कर्मचारी 7 पे कमीशन के अनुरूप तनख्वा ले रहे हैं वंही पुलिस कर्मी आज भी 6 पे कमीशन के एरियर की दूसरी व तीसरी किश्त मिलने के इन्तेजार में बैठे हैं !!
चुनाव ड्यूटी बहिष्कार की चेतावनी
हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान पर इकट्ठा हुए नाराज पुलिसकर्मियों ने दो-दो लाख रुपये वापस लौटाने की बात कही। पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्हें भीख नहीं, बल्कि अपना हक चाहिए। इस बीच कुछ पुलिसकर्मियों ने चुनाव ड्यूटी का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी !!
वादे से मुकरे मुख्यमंत्री धामी !!
ग्रेड-पे को लेकर 2001 बैच के सिपाहियों के परिजन पहले भी कई बार सड़क पर उतर चुके हैं। आंदोलन के बाद 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस पर सीएम धामी ने ग्रेड-पे का ऐलान किया था। इसका लाभ वर्ष 2001 बैच के 1500 सिपाहियों को मिलना था। परंतु नए आदेशानुसार अब पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे की जगह 2 लाख की धनराशि दी जाएगी !!
भाजपा का करेंगे दुष्प्रचार
पुलिस परिजनों का कहना है कि वह फरवरी में होने वाले चुनाव का बहिष्कार करेंगे क्योंकि सरकार से आश्वासन के बावजूद भी मांग नहीं मानी गई है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा के खिलाफ घर-घर जाकर प्रचार भी करेंगे। उन्होंने कहा, सरकार दो लाख रुपये देकर यह सोच रही है कि हम मान जाएंगे तो यह सरासर गलत है।
कंही अधिकारियों का दबाव बिगाड़ न दें स्थिति
सूत्रों की माने तोह अधिकारियों का दबाव पुलिसकर्मियों व परिजनों की नाराजगी व स्थिति को बिगाड़ सकता है और चुनावी प्रदेश में यह एक बड़ा विवाद बन सकता है !!
2002 बैच भी आंदोलन की राह पर
यदि यह आंदोलन परिजनों से हटकर वर्दीधारियों के बीच आ गया तो बड़ी मुश्किल हो सकती है। अभी ग्रेड पे की मांग 2001 बैच के करीब 1500 पुलिसकर्मियों द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद इसी साल 2002 में भर्ती 1000 सिपाहियों की समयसीमा भी पूरी हो जाएगी। यानी ये सिपाही इसी लाइन में आ खड़े होंगे। ऐसे में आंदोलन ने बड़ा रूप ले सकता है।
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