जहां एक तरफ उत्तराखंड में नया भू कानून विधानसभा सत्र से पारित होकर राजभवन भेजा गया है वंही अब भू-कानून उल्लंघन के मामलों में छोटे प्रकरणों पर भी जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। बिना अनुमति 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीदने वालों की भूमि प्रारंभिक तौर पर राज्य सरकार में निहित कर खरीदारों के खिलाफ नोटिस जारी किए गए हैं। उक्त के साथ साथ भूउपयोग से हटकर जमीनों का इस्तेमाल करने वाले भी अब प्रशासन के निशाने पर हैं।
बता दें कि उत्तराखंड में नगर निकाय, कैंट बोर्ड सीमा से बाहर 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीदने पर प्रतिबंध है। अभी तक 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीदने को जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर से मंजूरी लेनी होती थी, लेकिन जिला प्रशासन स्तर से दी जाने वाली मंजूरी की व्यवस्था भी अब नए भू कानून में समाप्त कर दी गई है।
बात करें देहरादून की तो दून की सदर तहसील क्षेत्र में ही 46 मामलों में 60 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं।बाकी तहसीलों में भी भू-कानून उल्लंघन की जांच की जा रही है व 28 फरवरी तक नोटिस जारी किये जाएंगे।
सदर तहसील क्षेत्र में जिन 46 मामलों में प्रारंभिक तौर पर जमीन राज्य सरकार में निहित कर नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें बिना अनुमति 250 वर्गमीटर से अधिक जमीन खरीदने के साथ ही अनुमति पर जमीन लेने के बाद उनका उपयोग तय समय के भीतर नहीं किया गया।जिसके उपरांत भू-कानून का उल्लंघन पाए जाने पर सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी के न्यायालय में वाद दायर किए गए व अब इन मामलों में संबंधित पक्षों से 17 मार्च को न्यायालय में पेश होकर पक्ष रखने को कहा गया है। जिसके पश्चात कार्यवाई का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि इन 46 जमीनों को लेने वाले 60 लोग हैं, जिनमें 16 लोग दिल्ली और एनसीआर के हैं। जबकि, महाराष्ट्र, सहारनपुर, कानपुर, बिजनौर, गुरुग्राम, जम्मू और केरल के लोगों ने भी यहां भू-कानून का उल्लंघन कर जमीन खरीदी है।
इनके नाम जारी हुए नोटिस




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