पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बरसों बाद अपने परिवार के साथ अपने मूल गांव लवाली पहुंचे हैं, जहां उन्होंने अपनी कुलदेवी की पूजा अर्चना की और पिता के पैतृक निवास में काफी वक्त बिताया। इस दौरान उन्होंने अपने चाचा और अन्य परिवारजनों के साथ मुलाकात भी की और वहीं भोजन भी किया।
पहाड़ का आदमी कभी अपने पहाड़ को नहीं भूल सकता, ना वह अपनी बोली भाषा को भूल सकता है। इसका बड़ा उदाहरण आज भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रूप में देखने को मिला है। जिनका परिवार बरसों पहले यहां से झारखंड जा चुका था, लेकिन पहाड़ का प्यार और यहां के देवी देवताओं में विश्वास उन्हें एक बार फिर वापस पहाड़ की ओर खींच लाया है।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी कई वर्षों बाद आखिरकार आज अपने गांव पहुंच गए हैं। धोनी को देखकर पहाड़ के लोग काफी उत्साहित नजर आए। इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी बचपन में अपने गांव अल्मोड़ा जिले के लवाली आए थे l इसके बाद उनका सिलेक्शन भारत की क्रिकेट टीम में हो गया। क्रिकेट में बुलंदियों को छूने वाले और भारतीय टीम को वर्ल्ड कप जिताने वाले महेंद्र सिंह धोनी आखिरकार अपने मूल गांव अल्मोड़ा जिले के लवाली पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के निवासी हैं। उनके पिता पान सिंह धोनी नौकरी की तलाश में झारखंड गए थे। जहां नौकरी करने के बाद वह वहीं बस गए थे। आज धोनी के परिवार के अन्य सदस्य अल्मोड़ा जिले के लवाली गांव में ही निवास करते हैं। अब क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपनी बेटी जीवा और पत्नी साक्षी रावत धोनी के साथ पहली बार अपने गांव पहुंचे जहां लोगों ने उनका जोरदार द्वारा स्वागत किया। इस दौरान धोनी को देखकर वहां के लोग काफी उत्साहित दिखे दिनभर धोनी को देखने का तांता लगा रहा। धोनी भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने से पहले लवाली ग्राम आते रहे, धोनी ने अपनी शादी भी उत्तराखंड मूल की साक्षी रावत के साथ देहरादून में ही की थी। धोनी ने पत्नी साक्षी और बेटी जीवा संग अपने इष्ट देव की पूजा की। धोनी कुमायूं में 19 नवंबर तक रहेंगे।
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