शहरी क्षेत्रों में बंदरों के आतंक के प्रकरणों पर प्रथम जिम्मेदारी नगर निगम / पालिका की ही होगी, वन विभाग सिर्फ करेगा सहयोग, शासन से जारी हुआ महत्वपूर्ण आदेश !!

उत्तराखंड के समस्त शहरी क्षेत्र (नगर निगम, नगर पंचायत व नगर पालिका) में बन्दरों के आतंक व बन्दर – मानव संघर्ष जैसे प्रकरणों की प्रथम जिम्मेदारी नगर निकायों की ही होगी। शासन ने एक बार फिर आदेश जारी कर निकायों के अधिकारी को 2013 की SOP का पालन करने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि पहले से ही शहरी / निकाय क्षेत्रों में बन्दरों के आतंक जैसे प्रकरणों से निजात दिलाने की जिम्मेदारी नगर निगम, नगर पंचायत व नगर पालिका की ही होती थी, लेकिन प्राय में देखा गया था कि नगर निकाय के अधिकारी ऐसी घटनाओं को वन विभाग की ओर टरका देते थे, लेकिन शहरी विकास विभाग ने पुनः आदेश जारी कर यह स्पष्ट किया है कि ऐसे प्रकरणों में कार्यवाही करने व ऐसे प्रकरणों की प्रथम जिम्मेदारी नगर निकायों की ही होगी। वन विभाग व DFO सिर्फ सहायता / समन्वय के रूप में ही कार्य करेंगे। वंही ग्रमीण क्षेत्रों में उक्त सभी प्रकरणों की प्रथम जिम्मेदारी वन विभाग की ही रहेगी।