कॉर्बेट में हुए अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान मामले में हाई कोर्ट में हुई बहस, जिरह में पहली बार आया इस वरिष्ठ IAS व IFS का नाम, अधिवक्ता अभिजय ने की पुष्टि !!

हाईकोर्ट ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हो रहे अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान मामले में सुनवाई करते हुए निर्णय सुरक्षित रखा है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई की। मामले में देहरादून निवासी अनु पंत की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है।

पिछली तिथि पर कोर्ट ने अवैध निर्माण और पेड़ कटान में लिप्त लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कहा कि कोर्ट ने एक साल पहले पेड़ों के अवैध कटान के बारे में मुख्य सचिव को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन शासन स्तर के अधिकारियों व फारेस्ट विभाग के 2 अधिकारी अभी तक अहम कुर्सियों पर बैठे हैं व मौजूदा सरकार इन अधिकारियों को संरक्षण दे रही है।

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि अभी तक छह हजार पेड़ काटे जा चुके हैं। अभी तक पांच बार जांच हो चुकी है, लेकिन फिर भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिवक्ता अभिजय ने बताया कि शासन स्तर पर तत्कालीन प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन व तत्कालीन PCCF वाइल्डलाइफ अनूप मालिक की भूमिका भी संदेह के दायरे में रही है।

खैर अब यह तो नैनीताल हाई कोर्ट के अंतिम निर्णय पर निर्भय करता है कि क्या इन सभी अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लाया जाएगा या मामला जस का तस रहेगा।