फर्जी मुकदमा लिखवाना इस अधिकारी पड़ा महँगा, न्यायालय ने लिया आड़े हाथ !!

जिला जज नरेंद्र दत्त की अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में आरोपी को दोषमुक्त तथा शिकायतकर्ता मुख्य कृषि अधिकारी पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अधिकारी ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से मुकदमा दर्ज करवाया था। साथ ही अपने पद का भी दुरुपयोग किया है। दो लाख रुपये में से 50 हजार रुपये आरोपी को देने होंगे।


मामले के मुताबिक मुख्य कृषि अधिकरी एसएस वर्मा ने 23 फरवरी 2023 को पुलिस में एक मुकदमा दर्ज करवाया। जिसमें उन्होंने कहा कि चार फरवरी की रात दस बजकर, 15 मिनट पर वह अपने चौरासी में किराये पर लिए कमरे में खाना खाकर बिस्तर पर बैठे थे। तभी मेरे कमरे में अनजान व्यक्ति द्वारा दरवाजा खटखटाया गया तथा जोर से खिड़की खोलने की आवाज आई। कमरे की लाइट खुली थी। मैंने बिस्तर से उठकर बाहर देखा, तो मेरा सरकारी वाहन चालक उमेद सिंह कनवाल पुत्र स्व. दीवान सिंह निवासी ढूंगा पाटली एकदम गाली-गलौज करते हुए मेरे ऊपर गोली चला दी। मैं बाल-बाल बच गया। गोली मेरे अंदर बड़े दरवाजे पर लगी। मैं एकदम पीछे को हट गया तथा घर में ही छिप गया। जाते-जाते उसने फिर एक फायर किया और सीढ़ियों से नीचे भाग गया।

शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 में मुकदमा दर्ज किया। मामला जिला न्यायालय में पहुंचा। बुधवार को जिला जज नरेंद्र दत्त ने अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने व पत्रावलियों को अवलोकन के बाद आरोपी उमेद कनवाल को दोषमुक्त किया। तत्कालीन कृषि अधिकारी एसएस वर्मा पर दो लाख रुपये का हर्जाना लगाया। न्यायालय ने माना की वादी ने आरोपी के विरूद्ध दुर्भावनापूर्ण तरीके से मुकदमा दर्ज कराया। वादी एक लोकसेवक है। उसने अपने पद का भी दुरुपयोग किया है। न्यायाधीश ने दो लाख रुपये में से 50 हजार रुपये आरोपी को चार दिन के भीतर देने के निर्देश दिए। डेढ़ लाख की धनराशि न्यायालय का समय बर्बाद करने, दुर्भावनापूर्ण अभियोजन की सुनवाई करने के लिए डीएलएसए में जमा करने के आदेश दिए हैं।