दो साल बाद 14 जुलाई से शुरू होने जा रही कांवड़ यात्रा में कोई भी पहचान पत्र के बिना उत्तराखंड नहीं आ सकेगा। इसके अलावा सात फीट से ज्यादा ऊंची कांवड़ भी प्रतिबंधित होगी। धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले गाने बजाने पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार को डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और राजस्थान के साथ ही रेलवे सुरक्षा बल एवं इंटेलिजेंस की बैठक में यह निर्णय लिए गए।
इस बार कांवड़ यात्रा की निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे। मेला क्षेत्र से लेकर उत्तराखंड के बॉर्डर तक ड्रोन को उड़ाया जाएगा। इसके लिए 50 से ज्यादा ड्रोन की तैनाती की जाएगी। कई जगहों पर कंट्रोल प्वाइंट भी बनाए जाएंगे, ताकि किसी भी स्थिति को समय से भांप लिया जाए।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि 14 से 26 जुलाई तक कांवड़ यात्रा चलेगी। उन्होंने बताया कि, इस यात्रा के दौरान करीब चार करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। लिहाजा, इस बार कोविड के बाद इसका संचालन काफी बड़ी चुनौती होगी।
इस बार कांवड़ यात्रा में लाठी-डंडे, भाले समेत तमाम तरह के हथियार लेकर आने वाले कांवड़ियों को प्रतिबंधित किया जाएगा।
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