गरीब व आश्रितों को दरकिनार कर अपनों को बांट दी नौकरी, पूर्व स्पीकर व वर्तमान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद के इस्तीफे की उठी मांग

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की भर्तियों में घपले के बाद अब विधानसभा में 72 भर्तियों का मसला फिर सुर्खियों में आ गया है। विधानसभा अध्यक्ष रहते प्रेमचंद अग्रवाल ने यह भर्तियां कराई थी और बाद में वित्त मंत्री बनने पर इन भर्तियों को मंजूरी भी दे दी। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा गरमाया और आरोप लगा कि कई नेताओं के पीआरओ और रिश्तेदारों को यहां नौकरियां मिली हैं।

इसी साल विधानसभा चुनाव आचार संहिता से पहले भी तत्कालीन अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कार्यकाल में 72 भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन तब वित्त विभाग के पेंच के चलते नियुक्ति की प्रक्रिया अटक गई थी। भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में 29 मार्च को प्रेमचंद अग्रवाल को जैसे ही वित्त महकमा मिला तो अगले दिन संबंधित फाइल को हरी झंडी मिल गई। सूत्रों ने बताया कि इन भर्तियों में ज्यादातर नेताओं के करीबियों को नौकरी दी गई है।

सचिव को 1 साल में दे दिए 3 प्रमोश

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने स्वीकार किया कि उन्होंने सचिव विधानसभा को साल में तीन प्रमोशन दिए।

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को शिथिलता का अधिकार था और उसी नाते यह किया गया। इससे पहले विधानसभा में हुई भर्तियों में धांधली के आरोप पर वित्त मंत्री प्रेमंचद अग्रवाल शनिवार को भड़क गए। पत्रकारों के सवाल पूछने पर उन्होंने जवाब देने के बजाय पत्रकारों से ही पूछ लिया कि कांग्रेस के समय माननीय अध्यक्ष जी ने क्या किया उसकी जानकारी है?

शनिवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे तो पत्रकारों ने विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर सवाल किए। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में विधानसभा में नियमानुसार नियुक्ति की गई। उन्होंने कहा कि यह सभी भर्तियां अस्थाई थीं

मामूली प्रार्थना पत्र पर ही दे दी गई विधानसभा में नौकरी

उत्तराखंड में अमीरों को बेची जा रही गरीबों की हिस्से की नौकरी – राहुल गांधी

नौकरियों में भ्रष्टाचार पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार को कठघरे में किया है। शनिवार को राहुल ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि भाजपा की सरकार में बेरोजगारों से धोखा किया जा रहा है। उत्तराखंड में नौकरी माफिया का बोलबाला है। पटवारी, लेखपाल, पुलिस कांस्टेबल, फारेस्ट गार्ड और अन्य कई पदों पर नौकरी पाने के लिए लोग जी-तोड़ मेहनत करते हैं। लेकिन, भाजपा सरकार में गरीब और मध्यम वर्ग के हिस्से की नौकरी पैसा लेकर अमीरों और सरकार के ़करीबी लोगों को बेची जा रही है।

राहुल ने कहा कि उत्तराखंडमें नौकरियों का भ्रष्टाचार विधानसभा तक आ पहुंचा है। सीएम केवल जांच का आदेश देकर अपनी नाकामी से पल्ला झाड़ रहे हैं।

विधानसभा भर्ती मामले में बोले मुख्यमंत्री

विधानसभा में नियुक्तियों में गड़बड़ी की आ रही शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है, और हम विधानसभा अध्यक्षा से अनुरोध करेंगे कि विधानसभा में जितनी भी भर्तिया हुई है जिनमें शिकायत आ रही है, वो नियुक्ति चाहे किसी भी कालखण्ड की हो उनमें निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्षा द्वारा जांच कि विषय में राज्य सरकार से जो भी सहयोग मांगा जायेगा वह दिया जायेगा।