कैबिनेट में 26 प्रस्ताव पर हुई चर्चा
24 प्रस्ताव पर हुआ कैबिनेट का निर्णय
1 आवास विभाग में लैंड यूज बदलने के लिए 15 फीसदी पेट्रोल पंप के लिए लागू होगा
2- उत्तराखंड न्यायिक सेवा नियमावली में सिविल जज को जूनियर सिविल जज और सीनियर सिविल जज कहा जायेगा
3 -समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अटल आवास योजना में प्रधान मंत्री आवास योजना के भांति पैसा दिया जायेगा
4 – औद्योगिक विकास विभाग में उत्तराखंड की लोजोस्तिक नीति को मंजूरी
5- दिव्यांग बच्चो के लिए अध्यापकों की जाएगी नियुक्ति कैबिनेट ने दी मंजूरी
6-हरिद्वार में हरिद्वार निजी विश्वविद्यालय के नाम को मंजूरी
7- दिवाली बोनस के लिए मुख्यमंत्री से लिया जाएगा अनुमोदन
8- उपनल और पी आर डी से अलग अब सेवा योजन से भी रखे जायेंगे आउट सोर्स कर्मी
9- ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट रखी जायेगी विधान सभा के पटल पर
10- सार्वजनिक स्थानों पर थूकना और कूड़ा फेंकने पर अब कारावास को हटाकर लगाया जाएगा आर्थिक दंड
11_ग्रह विभाग के अंतर्गत राजस्व पुलिस क्षेत्र को रेगुलर पुलिस क्षेत्र में ट्रांसफर किया जाएगा इसके लिए 6 पुलिस स्टेशन और 20 पुलिस की नई चौकियां बनाई जाएगी पहले चरण
12 _ 1750 पुलिस कांस्टेबल को दिया जाएगा प्रमोशन
13- बागवानी मिशन के अनुसार एंटी हेलनट लेने के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी सरकार देगी
14- विद्यालय शिक्षा विभाग ने लिया फैसला अगर 30 दिन तक कोई बच्चा नहीं आता हैं तो उसे आउट ऑफ़ स्कूल मान लिया जाएगा पहले 60 दिन था
15- वित्त विभाग ने GST में पंजीकृत व्यापारियों के दुर्घटना बीमा को 5 लाख से बढाकर 10 किया गया
16- महिला आरक्षण पर अध्यादेश के लिए सीएम को अधिकृत किया गया
कौशल विकास एवं सहायक सेवा आयोग में राज्य में आउटसोर्सिंग के पद दिए जाने को लेकर व्यवस्था दी गई है उसी में मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदन किया गया है उपनल और पीआरडी के अतिरिक्त सेवा योजना आयोग से भी अब आउटसोर्सिंग के पद दिए जायेंगे
उत्तराखंड ह्यूमन राइट कमीशन की रिपोर्ट को विधानसभा पर पटल पर रखने का अनुमोदन किया गया
उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं सूचना निषेध अधिनियम 2013 से पहले अपराध करते हुए यदि कोई पाया जाता है तो 5000 का जुर्माना एवं कारावास की बात कही गई थी लेकिन आप कारावास को हटाकर केवल अर्थदंड ही दिया जाएगा
केदारनाथ में मास्टर प्लान के अकॉर्डिंग कंस्ट्रक्शन कई आवासों का ध्वस्तीकरण करते हुए पुनर्निर्माण करने की बात कही गई थी उस पर भी मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदन किया गया अब तक 53 द्वस्तिकर्ण करण किए जा चुके हैं और 947 ध्वस्तीकरण और किए जाने हैं
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