राष्ट्रपति चुनाव में उत्तराखंड में हुई क्रॉस वोटिंग,अब इस काली भेड़ को ढूंढ रही है कांग्रेस

उत्तराखंड में NDA प्रत्याशी को 51 विधायकों ने अपना मत दिया। उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा के 47 विधायक हैं, जबकि दो निर्दलीय और बसपा के दो विधायकों ने भी NDA प्रत्याशी के समर्थन की घोषणा की थी। इस तरह NDA प्रत्याशी को 51 विधायकों का समर्थन संभावित था।

NDA प्रत्याशी को इतने ही विधायकों ने मत दिया, लेकिन भाजपा सरकार के एक मंत्री चंदन रामदास ने अस्वस्थता के कारण मतदान नहीं किया था। इससे यह संभावना बलवती हो गई है कि कांग्रेस के एक विधायक ने क्रास वोटिंग की।

कांग्रेस के 19 विधायकों में से 17 ने ही मतदान किया था, दो अनुपस्थित रहे थे। इनमें तिलकराज बेहड़ और राजेंद्र भंडारी के नाम शामिल हैं। अगर यह माना जाए कि अवैध हुआ एक विधायक का वोट भी कांग्रेस का था, तो फिर भी कांग्रेस के एक विधायक ने क्रास वोटिंग की।

वहीं राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस में खलबली मची हुई है चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में उस काली भेड़ की तलाश शुरू हो गई है जिसने NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। पार्टी के नेता अब एक दूसरे को ही शक की नजर से देख रहे हैं।

मामले को गंभीर मानते हुए प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से एक कमेटी बनाकर मामले की जांच का अनुरोध किया है।