रजिस्ट्री फर्जीवाडे में केंद्रीय जांच एजेंसी की एंट्री, 400 करोड़ से अधिक का हुआ घपला, बड़ी सफेद मछलियां भी रेडार पर !!

रजिस्ट्रार ऑफिस में फर्जीवाड़े के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सक्रिय हो गया है। ईडी ने एसआईटी से इस मामले में दर्ज सभी सात मुकदमों का विवरण मांगा है। बताया जा रहा है कि यह मामला 400 करोड़ रुपये से भी ऊपर का हो सकता है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग की भी आशंका है। जल्द ही ईडी इस प्रकरण में एक अलग मुकदमा दर्ज कर सकती है।

बता दें कि जालसाजों के एक गिरोह ने रजिस्ट्रार कार्यालय में रखी जिल्दों में छेड़छाड़ कर बैनामों में फर्जीवाड़ा किया था। शुरुआत में चार जमीनों से संबंधित दस्तावेज में छेड़छाड़ पाई गई, लेकिन बाद में जब जांच हुई तो 50 से अधिक बैनामों में इस तरह का फर्जीवाड़ा पाया गया। पुलिस ने जांच शुरू की और वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी समेत नौ लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है।

इस मामले में शुरुआत में ही पुलिस की ओर से ईडी को पत्र लिखा गया था। इसके क्रम में ईडी ने भी अब जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच के लिए ईडी की ओर से पुलिस को एक पत्र लिखा गया है। इसमें अब तक दर्ज हुए सातों मुकदमों का ब्योरा मांगा गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ईडी इसमें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। एसआईटी अब तक की कार्रवाई और गिरफ्तारी का ब्योरा ईडी को भेजने जा रही है।

इस मामले में जल्द ही पुलिस की ओर सभी आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करने जा रही है। इसके तहत पुलिस गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) में कार्रवाई करेगी। इस धारा के अंतर्गत आरोपियों की अपराध करने के समय से लेकर गिरफ्तारी तक की संपत्तियों की जांच की जाती है। इसके बाद इसे प्रशासन के माध्यम से जब्त किया जाता है। मसलन, यदि इस अपराध की शुरुआत वर्ष 2019 में हुई तो इन आरोपियों की वर्ष 2019 से अब तक की सारी संपत्तियां जांच के दायरे में आएंगी।