उत्तराखण्ड साइबर पुलिस अपने अथक प्रयासो से देश में छाप छोड़ती हुयी
वित्तीय साइबर मामलों में पीड़ित को त्वरित राहत दिलाने के उद्देश्य से ई-सुरक्षा चक्र साईबर वित्तीय हेल्पलाइन-155260 का संचालन एसटीएफ के अन्तर्गत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में किया जा रहा है। साइबर वित्तीय हेल्पलाइन के द्वारा लगातार 24 घण्टे सक्रिय रहकर साइबर ठगी में पीडितो की धनराशि वापस कराने में अहम भूमिका निभायी जा रही है ।
विगत 06 माह में साईबर वित्तीय हेल्पलाईन नम्बर-155260 के माध्यम से प्राप्त 3250 शिकायतो में तत्काल कार्यवाही कर लगभग 01 करोड़ की धनराशि साईबर ठगों से बचायी गयी है ।
साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से Cybersafe पोर्टल भारत सरकार की एक पहल है । पोर्टल पर शिकायते दर्ज करने में उत्तराखण्ड पुलिस अपने अथक प्रयासो से लगातार देश के TOP 5 में बरकरार है ।
पुलिस (LEA’s) द्वारा बैंकिंग धोखाधड़ी से सम्बन्धित यथा मोबाईल नम्बर, बैंक एकाउन्ट नम्बर, वॉलेट आदि सूचनायें Cybersafe पोर्टल दर्ज की जाती है । Cybersafe पोर्टल के उपयोगकर्ता (User) की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड राज्य सम्पूर्ण भारत वर्ष में पांचवे स्थान पर है ।
National Cyber Crime Reporting Portal “NCRP” के अन्तर्गत CYBER TIPLINE के माध्यम से सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी आपत्तिजनक/अश्लील (Child Pornography) सामग्री को पोस्ट (Browse, Download, शेयर, अपलोड) करने वाले यूजर पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है। जिसके अन्तर्गत अब तक 55 अभियोग पंजीकृत किये जा चुके है, प्राप्त शिकायतो पर कार्यवाही करने पर उत्तराखण्ड पुलिस सम्पूर्ण भारत में चौथे स्थान पर है।
साथ ही “पॉवर बैंक एवं बीमा पॉलिसी” से सम्बन्धित निम्न प्रकरणो का सर्वप्रथम अनावरण कर उत्तराखण्ड एसटीएफ ने देश में अपनी अमिट छाप छोड़ी है-
जिसमें देश में चर्चित पावर बैंक घोटाले का सर्वप्रथम उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा ही सफल अनावरण किया गया है, जिसमें अब प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा भी उक्त प्रकरण में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना की जा रही है
एसटीएफ/साइबर पुलिस द्वारा बीमा पॉलिसी के नाम पर हो रही धोखाधड़ी का पर्दाफाश कर विभिन्न पोर्टल एवं वेबसाइट के माध्यम से देशभर के समस्त Agencies के साथ समन्वय स्थापित कर बीमा पॉलिसी से सम्बन्धित अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है ।
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