धरे के धरे रह गए UKPCB के दावे, देहरादून समेत पहाड़ी क्षत्रों का AQI भी कई गुना बढ़ा, तमाम तामझाम के बाद भी वायु प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी !!

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तमाम तामझाम के बाद भी उत्तराखंड में दीपावली की रात प्रदूषण सामान्य से तीन गुना तक बढ़ गया। जहां एक तरफ UKPCB दीवाली पर्व से पूर्व ड्रोन से पानी का स्प्रे करवाकर बड़े बड़े दावे कर रहा था वंही प्रमुख शहरों में 31 अक्तूबर की रात एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके पीछे पटाखों का धुआं मुख्य कारण रहा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देहरादून में 31 अक्तूबर की शाम चार बजे से शुक्रवार शाम चार बजे के बीच औसत एक्यूआई 269 रहा, जो सामान्य दिनों में 90 से 95 तक रहता है। काशीपुर में औसत एक्यूआई 269 दर्ज किया गया। यहां भी सामान्य तौर पर एक्यूआई 90 तक रहता है। ऋषिकेश में जहां सामान्य दिनों में एक्यूआई 45 तक रहता है, लेकिन दीपावली के दरमियान 24 घंटे में औसत एक्यूआई 175 दर्ज किया गया।

पहाड़ की आबोहवा भी बिगड़ी : पहाड़ी जिलों में भी पटाखों के धुएं से हवा की गुणवत्ता में कमी आई। नई टिहरी में दीवाली पर औसत एक्यूआई 93 तक चला गया, जो सामान्य दिनों में 40 तक रहता था। नैनीताल में छोटी दीवाली की रात यानी 30 अक्तूबर से 31 अक्तूबर की सुबह आठ बजे औसत एक्यूआई 103 तक पहुंच गया, जो सामान्यत: 50 से 60 रहता था। हल्द्वानी में सामान्य दिनों के मुकाबले प्रदूषण 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक ज्यादा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल प्रदूषण कम है।

हरिद्वार में 241, रुड़की में 233 एक्यूआई : दीपावली के दिन सामान्य दिनों के मुकाबले हरिद्वार में प्रदूषण का स्तर 211 (एक्यूआई) रहा। पिछले साल के मुकाबले इस बार प्रदूषण का स्तर 30 (एक्यूआई) कम रहा। पिछले साल हरिद्वार में प्रदूषण का औसतन स्तर 241 रहा था। वहीं, रुड़की में 29 अक्तूबर को एक्यूआई 155 दर्ज किया गया, जो 31 अक्तूबर 233 तक पहुंच गया था।

श्रीनगर में दोगुना से ज्यादा रहा प्रदूषण : श्रीनगर गढ़वाल में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य दिनों के मुकाबले दोगुने से ज्यादा रहा। यहां दीवाली पर औसत एक्यूआई 120 रहा, जो पिछले साल 130 तक था। जबकि, यहां सामान्य दिनों में एक्यूआई 45 से 55 तक रहता है।