फजीहत से बचने के लिए देहरादून में मेयर पद हेतु नए चेहरे की खोज में सरकार व पार्टी संगठन !!

पिछले कार्यकाल में हुए अनेक प्रकरणों की फजीहत से बचने के लिए राज्य सरकार एवं पार्टी संगठन, देहरादून में मेयर हेतु नए चहरे की तलाश में लग गयी है। बता दें कि मौजूदा देहरादून नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल काफी विवादों के बीच खत्म हुआ है। सरकार व संगठन को अंदेशा है कि अगर टिकट पुनः रिपीट किया जाता है तो कांग्रेस समस्त प्रकरणों को एक बार फिर चुनावी गर्मी में पुनः भुना सकती है, जिससे चुनाव के नतीजों पर असर दिख सकता है।

चाहे मेयर पर लगे आय से अधिक संपत्ति के आरोप हो या न्यायालयों में चल रहे विजिलेंस की जांच करवाने के वाद, सभी प्रकरणों ने उस वक्त से लेकर आज तक राज्य सरकार एवं पार्टी संघठन के लिए असहजता की स्थिति पैदा की हुई है। स्वच्छता समिति में अपनों को सफाई कर्मचारी दिखाकर तनख्वा निकालने का प्रकरण हो या फिर करोना काल में सैनिटाइजर छिड़काव जैसे अनेक प्रकरण, इन सभी प्रकरणों से बचने के लिए देहरादून महापौर / मेयर पद के लिए नए चहरे की तलाश भाजपा संगठन ने शुरू कर दी है। चर्चा यहां तक भी है कि स्वच्छता समिति में एक निवर्तमान मनोनीत पार्षद की पत्नी तक को तनख्वा लेने के लालच में सफाई कर्मचारी दिखाया गया था, ऐसे न जाने कितने करीबियों की तनख्वा उस दौर में निकाली गई थी।

यह हैं मेयर के टिकट की रेस में सबसे आगे

भाजपा का टिकट पाने के लिए इस वक्त रेस में कई घोड़े दौड़ रहे हैं जिसमे से टॉप 5 पर यह नाम चल रहे हैं –

  1. सौरभ थपलियाल
  2. श्याम अग्रवाल
  3. सिद्धार्थ अग्रवाल
  4. कुलदीप बुटोला
  5. प्रकाश सुमन ध्यानी

बात करें टॉप नामों की तो सौरभ थपलियाल भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष व DAV PG कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रह चुके हैं, लंबे समय से पार्टी के कार्यकर्ता रहने के साथ डोईवाला विभानसभा से टिकट मांगते आ रहे हैं। केदारनाथ उपचुनाव में भी इन्होंने पार्टी संगठन के लिए अहम भूमिका निभाई थी। वंही श्याम अग्रवाल भी पार्टी के पुराने व विश्वसनीय कार्यकर्ता रहे हैं। साफ छवि होने के साथ साथ संगठन के कार्यों में रणनीति बनाने के महारथी श्याम अग्रवाल की गिनती मुख्यमंत्री के विश्वसनीयों में आती है। बता दें कि श्याम देहरादून महानगर जिले में विभिन्न अहम पदों पर भी रह चुके हैं।

वर्तमान महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल भी मेयर की रेस में टॉप 5 में दौड़ रहे हैं। सरल स्वभाव होने के साथ साथ इनोवेटिव सोच ने ही बड़े व्यापारी सिद्धार्थ को मेयर के टिकट की रेस में बरकरार रखा है। इसके अतिरिक्त कोऑपरेटिव सोसाइटी के पूर्व चेयरमैन व मंडी परिषद के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप बुटोला भी इस बार टिकट की रेस में काफी गति से दौड़ रहे हैं। बता दें कि कुलदीप भाजपा संगठन में भी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।

इस बार डिप्टी मेयर की कुर्सी पर भी किसी को बैठाने की तैयारी –

जानकारी यह भी है कि इस बार पार्टी संगठन व राज्य सरकार देहरादून सहित अन्य बड़े नगर निगमों में डिप्टी मेयर पद पर भी बड़े चेहरों को एडजस्ट कर सकती है। आपको बता दें कि नगर निगमों में डिप्टी मेयर की कुर्सी काफी अहम मानी जाती है, डिप्टी मेयर नगर निगम की 60 से 70 प्रतिशत समितियों का अध्यक्ष होता है साथ ही साथ कई हद तक वित्तीय समितियों का भी जिम्मा डिप्टी मेयर के पास रहता है। नगर निगमों में डिप्टी मेयर के इतने ज्यादा प्रभाव को देखते हुए ही अक्सर मौजूदा मेयर व पार्टी संगठन इस कुर्सी को रिक्त रखते हैं। देहरादून में पिछले 3 कार्यकालों से यानी 15 साल से यह कुर्सी रिक्त पड़ी है लेकिन इस बार राज्य सरकार व पार्टी संघठन डिप्टी मेयर की कुर्सी पर किसी खास को बैठाने का मन बना रही है।