कुछ दिन पूर्व जहां उत्तराखंड शासन ने सीनियर PCS अधिकारी रामजी शरण को सस्पेंशन से बहाल करते हुए नवीन तैनाती दी थी, वंही अब पुनः DM देहरादून सोनिका के एक और पत्र पर उत्तराखंड सरकार व कार्मिक विभाग को बैकफुट पर आकर अपने आदेश बदलने पड़े हैं।
बता दें कि यह प्रकरण लोकसभा चुनाव के मध्य शुरू हुआ था, जन जिलाधिकारी देहरादून सोनिका के शिकायती पत्र पर ECI ने तत्कालीन ADM रामजी शरण को ससपेंड कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद कार्मिक विभाग ने सीनियर पीसीएस रामजी शरण को ससपेंड कर चार्जशीट थमा दी थी व उन्हें शासन में अटैच कर दिया था।
शासकीय जानकार बताते हैं कि उस वक्त जिलाधिकारी सोनिका ने आचार संहिता के दौरान ठीक से चुनावी ड्यूटी न करने व अन्य जरूरी कामकाज न करने के लिखित आरोप रामजी शरण पर लगाए थे जिसके बाद ECI ने उन पर एक्शन लिया था।
हाल ही में सस्पेंशन के 2 माह बाद उत्तराखंड सरकार व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर रामजी शरण को उक्त प्रकरण पर क्लीन चिट देते हुए, नवीन तैनाती स्थल – कुलसचिव, आयुर्वेद यूनिवर्सिटी तैनात कर दिया था।
लेकिन अब पुनः जिलाधिकारी सोनिका के लिखित पत्र पर रामजी शरण की पुनः मुसीबतें बढ़ गयी है। शासकीय सूत्र बतातें हैं कि DM देहरादून ने मुख्य सचिव को संबोधित पत्र में यह लिखा है कि उनका / शिकायतकर्ता का पक्ष इस प्रकरण में नही सुना गया और अचानक से ADM रामजी शरण को क्लीन चिट दे दी गयी।
इस पत्र व मुख्य सचिव से मिले निर्देश के क्रम में अब कार्मिक विभाग ने अपना पूर्व आदेश संशोधित करते हुए रामजी शरण को दी गयी क्लीन चिट वापस ले ली गयी है, व उनपर पूर्व की भांति आरोप बरकरार रखे गए हैं। कार्मिक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वह फिलहाल नवीन तैनाती स्थल – कुलसचिव, आयुर्वेद यूनिवर्सिटी पर तैनात रहेंगे और वंही से ही जांच में सहयोग करेंगे।
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