आरक्षण नियमावली 2025 को राजकीय गजट में छपवाने से पूर्व ही विभिन्न पदों पर आरक्षण तय करना एवं चुनाव की घोषणा कर देने पर हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए समस्त त्रिस्तरीय पंचायत के पदों पर घोषित आरक्षण एवं चुनाव पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है।
इसी कड़ी में शासकीय स्थायी अधिवक्ता ने भी सचिव पंचायतीराज को बताया है कि हाई कोर्ट ने उक्त प्रकरण पर 2 सप्ताह के भीतर गजट अधिसूचना के संग काउंटर शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
हाइकोर्ट की करवाई में शामिल अन्य अधिकारियों ने DOON MIRROR को यह बताया है कि कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि राज्य सरकार द्वारा जितनी जल्दी काउंटर शपथपत्र दाखिल किया जाएगा उतने ही जल्दी 2 सप्ताह की समय अवधि से पूर्व ही उक्त प्रकरण पर सुनवाई हो सकेगी।
न्यायिक विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर राज्य सरकार जिस दिन काउंटर शपथपत्र दाखिल करेगी उसके अगले ही दिन उक्त प्रकरण पर 21 जुलाई 2025(अगली सुनवाई की घोषित तिथि) की जगह, दाखिल करने की तिथि के अगले दिन ही वाद की अगली सुनवाई हो सकती है।
विशेषज्ञ यह भी बताते हैं 23 जून 2025 की सुनवाई तक पंचायत चुनाव की आरक्षण नियमावली 2025, राजकीय गजट में प्रकाशित नहीं हुई थी। जिसकी पुष्टि खुद सचिव पंचायतीराज ने चंद्रेश यादव ने की है। जिस क्रम में अब प्रकाशित गजट पर या तो 23 जून की दिनांक पड़ी होगी या उससे आगे की। अब न्यायालय के ऊपर निर्भर है कि वह इस गजट को स्वीकार करेगी ?, जबकि सभी सीटों पर आरक्षण तय हो गया हो एवं चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी हो, और गजट अब 2 सप्ताह बाद जारी हो रहा है।
उक्त गजट स्वीकार न करने की स्थिति में हाइकोर्ट अब प्रकाशित हुए गजट के बाद से पुनः सारी प्रक्रिया फिरसे दोहराने के निर्देश भी दे सकता है। जिस क्रम में अनंतिम आरक्षण सूची का प्रकाशन, आपत्ति पर सुनवाई, अंतिम आरक्षण सूची का प्रकाशन, चुनाव की नई तारीखों की घोषणा जैसी प्रक्रिया फिरसे अपनायी जा सकती है।
खैर अब आगामी दिनों में देखना होगा कि ऊंठ किस करवट बैठता है।



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