चेक बाउंस के मामले में आर्केडिया के बीजेपी पार्षद को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। पार्षद ने गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद कोर्ट में सरेंडर कर जमानत मांगी थी। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर पार्षद को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
अधिवक्ता नवराज ने बताया कि पार्षद गोविंद सिंह गुसाईं ने पड़ोसी हरीश कुनियाल के साथ जमीन की डील की। कुनियाल ने गुसाईं को 27 लाख रुपये दिए। बाद में बात नहीं बनी तो गुसाईं ने पैसा वापस करने का वादा किया। गुसाईं ने कुनियाल को 27 लाख रुपये के चेक दिए थे। इन चेक में से 14 लाख रुपये तो कैश हो गए।
अन्य रकम के चेक बाउंस हो गए। इस मामले में कुनियाल की शिकायत पर गुसाईं के खिलाफ एनआई ऐक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया। कोर्ट में केस चला तो पांच-पांच लाख रुपये के चेक बाउंस होने के मामले में पिछले साल गुसाईं को जुर्माने और छह-छह माह जेल की सजा सुनाई गई। इस बीच कुनियाल ने गुसाईं का दिया हुआ तीन लाख रुपये का चेक भी बैंक में लगा दिया। यह भी बाउंस हो गया। फिर मुकदमा चला तो अदालत ने गुसाईं को पेश होने के आदेश दिए। तारीख पर तारीख लगती गई।
गुसाईं कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसके बाद एसीजेएम सचिन कुमार की कोर्ट ने गुसाईं का गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। गुसाईं की गिरफ्तारी को पुलिस ने भी प्रयास किए। वह हाथ नहीं लगे। पार्षद गुसाईं ने मंगलवार को एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर अपनी जमानत की मांग की। कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए पार्षद को जेल भेज दिया।
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