शहरों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने बड़ा फैसला लिया है। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की और विकासनगर में डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो-रिक्शा और विक्रम वाहन सड़क से बाहर होंगे।
गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि एनजीटी ने वाहनों को ग्रीन और क्लीन एनर्जी में बदलने के आदेश दिए हैं। पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए यह जरूरी भी है। इसलिए हमने पहले चरण में संभाग के अधीन देहरादून, हरिद्वार और टिहरी जिले में संचालित डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो-रिक्शा और विक्रम वाहनों को सड़क से बाहर करने का फैसला लिया है। यह वाहन दो चरणों में बाहर होंगे।
पहले चरण में दस वर्ष से अधिक आयु के वाहनों के लिए मार्च 2023 और बाकी सभी के लिए दिसंबर 2023 तक का समय दिया गया है। डीजल-पेट्रोल वाले परमिट पर संचालकों को सीएनजी, बीएस-6 या इलेक्ट्रिक वाहन का ऑप्शन दिया गया है।
कहां कितने ऑटो-रिक्शा और विक्रम
देहरादून में 794, विकासनगर 124, धर्मावाला में 67, बडोवाला में 38, डोईवाला में 328, डोईवाला ग्रामीण में 73, ऋषिकेश में 434, हरिद्वार में 560, रुड़की में 577, लक्सर में 108 विक्रम वाहन हैं। जबकि देहरादून में 2342, ऋषिकेश में 672, हरिद्वार में 2515 और रुड़की में 58 ऑटो-रिक्शा पंजीकृत हैं। कुल 3103 विक्रम और 5587 ऑटो-रिक्शा वाहन हैं। इसमें कुछ ऑटो-रिक्शा पहले ही सीएनजी और एलपीजी में रिप्लेस हो चुके हैं।
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