राज्य संपत्ति विभाग के दो आदेश आज कल खूब चर्चाओं में है। यह दोनों आदेश दिल्ली में बने नए उत्तराखंड निवास से जुड़े हैं। एक आदेश में तो नए निवास सदन के विभन्न कक्षों व कमरों का किराया तय किया गया है तो दूसरे में कौन कौन माननीय व अधिकारी इनको सीधा बिना पूर्व की बुकिंग के इस्तेमाल कर सकता है यह तय किया गया है।
बात करें पहले आदेश की तो राज्य संपत्ति विभाग ने विभीन्न श्रेणियों के VVIP व अधिकारियों के लिए विभिन्न कक्ष दर / किराया तय किया है, जिसकी विस्तृत जानकारी आपको निम्न आदेश से ज्ञात हो जाएगी।

वंही चर्चा का विषय बन रहा दूसरा आदेश में नए उत्तराखंड निवास में ठहरने की पात्रता निर्धारित की गई है। जिसके अनुसार निम्न आदेश में अंकित विभिन्न माननीय सीधा ही जाकर दिल्ली निवास के अधिकारी को संपर्क कर तय दरों पर रह सकते हैं, लेकिन लेवल 13A से निचले स्तर के अधिकारियों व उत्तराखंड के निवासी आम नागरिकों को सीधा बुक करने व वहां रहने का अधिकार राज्य सम्प्पति विभाग द्वारा नहीं दिया गया है। आदेश के अनुसार लेवल 13A से निचले स्तर के अधिकारियों (DM व CDO स्तर सहित अधिकारी) व आम नागरिकों को पहले सचिव राज्य संपत्ति विभाग से लिखित अनुमति लेनी पड़ेगी, तब जाकर कक्ष आरक्षित होने की स्तिथि में उन्हें नए भवन में रुकने दिया जाएगा।

जानकारी के लिए बता दें अभी तक पुराने दिल्ली स्तिथ उत्तराखंड निवास में ऐसी प्रक्रिया नहीं थी वंहा कमरे खाली रहने की दशा में किसी भी अधिकारी को, यहां तक कि आमजन को तय दर पर कक्ष आवंटित कर दिए जाते थे। खैर नई व्यवस्था में उक्त जरूरमंद अधिकारी व आम नागरिकों को कक्ष अब भी मिल जाएंगे लेकिन अब उन्हें दिल्ली जाने से पूर्व राज्य संपत्ति विभाग के सचिव के चक्कर काटने पड़ेंगे।

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