जहां एक तरफ देहरादून वासी स्मार्ट सिटी लिमिटेड के घटिया कामों से हर रोज जूझ रहे हैं वंही दूसरी और कुछ माह पहले स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तत्कालीन CGM पदम कुमार भी अपनी ईमानदार व निष्ठावान छवि के कारण ऐसे ही मौजूदा CEO की प्रताड़ना से हर रोज जूझ रहे थे। बस दोष इतना कि उन्होंने काफी दबाव के बावजूद अपनी कलम से कुछ गलत नही होने दिया।
ऐसा हम नही कहते हैं बल्कि 30 जुलाई 2022 को तत्कालीन CGM पदम कुमार द्वारा लिखा यह पत्र कहता है।
सबसे पहले आपको बता दें कि CGM पदम कुमार स्मार्ट सिटी लिमिटेड में कार्य करने से पूर्व BRO बॉडर रोड आर्गेनाईजेशन में बतौर A.D.G (BRES) रिटायर हुए हैं जो कि सेना में मेजर जनरल के रैंक के समक्ष होता है।
तत्कालीन CGM कुमार ने अपने पत्र में CEO सोनिका पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया है कि कैसे CEO ने पहले दिन से ही उन्हें टारगेट कर अनैतिक शब्दों में बेज्जती करती रही।
CGM पदम् कुमार ने यह भी आरोप लगाए की उन्हें कई बार बाईपास कर CEO ने अपने किसी निजी हित के कारण उनकी सलाहों को दर किनार कर कई नियम विरुद्ध कार्य भी किए, जिस कारण देहरादून वासियों को कई परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
CGM पदम ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि “18 जुलाई 2022 को आपने मुझे और वुड हिल के ठेकेदार विवेक भट्टी को फोन किया। आपने अपने कार्यालय में ठेकेदार के साथ बैठक की थी जिसमें आपके पसंदीदा व्यक्ति डीके पचौरी और एनएचएम के गिरीश पुंडीर बिना किसी अधिकार के मौजूद थे, जबकि सीजीएम (तकनीकी) को प्रशासनिक निर्णयों में पदानुक्रम और पारदर्शिता के सभी चैनलों को दरकिनार कर बाहर इंतजार करने के लिए कहा गया था। मुझे गिरीश पुंडीर द्वारा 08 जुलाई 2022 को हुई बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय की अवहेलना करने के लिए ठेकेदार के परामर्श से तैयार किए गए पत्र पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया था। मेरे पास ऐसी घटनाओं के पर्याप्त प्रमाण हैं और यदि मांगे गए तो सक्षम प्राधिकारी को इसे प्रस्तुत करेंगे। यह निर्धारित प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लंघन है और इससे ठेकेदार को अपेक्षित लाभ होता है।”
CGM कुमार ने यह भी लिखा कि जिस फर्म / कंपनी को शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा सहित देहरादून के तीन विधायक ने बोर्ड मीटिंग में 3 साल से गैर प्रदर्शन व काम न करने के कारण बर्खास्त व सेवा समाप्त करने के आदेश दिए उसी कंपनी के साथ CEO सोनिका ने अलग से सांठगांठ करके कांपनी को बचा लिया। यह कोई अकेला मामला नही CEO सोनिका द्वारा एक अन्य प्रकरण में भी एक विवादित ठेकेदार को बोर्ड के निर्णय को उलट कर बचाया गया। जिस पर पूर्व CEO द्वारा घटिया कार्य करने के उपरांत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
अंत मे CGM पदम कुमार ने CEO सोनिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि कैसे उनके द्वारा अनैतिक भर्ती करके अपने पसंदीदा व चुनिंदा लोगों को DSCL में रखा है।
गलत का साथ न देने व निष्ठा / ईमानदारी से कार्य करने का खामियाजा CGM पदम को ऐसे चुकाना पड़ा कि CEO सोनिका द्वारा उन्हें इस शिकायती पत्र लिखने के एवज में टर्मिनेट कर दिया गया व DSCL के दरवाजे इस अधिकारी के लिए बंद कर दिए गए।
अब सवाल यह भी खड़ा होता है कि 30 जुलाई 2022 को लिखे गए इस पत्र को अब एक साल होने जा रहा है लेकिन संबंधित अधिकारी सहित सचिवालय स्तर के तमाम सक्षम कर्मचारियों ने यह पत्र तबसे अब तक दबा कर रखा। क्या ऐसे अधिकारियों पर भी कार्यवाही होगी जो राज्य के अहित में व CEO सोनिका को बचाने में समर्थन कर धामी सरकार को पलीता लगाते रहे हैं।
DOON MIRROR इस पत्र की पुष्टि नहीं करता है लेकिन हमारे द्वारा जल्द ही खबर के माध्यम से DSCL में हुई अवैध भर्तियों का सच सबके सामने लाया जाएगा।
Editor