नींद से जागा पुलिस मुख्यालय, थानों व चौकियों की कंडम हो चुकी गाड़ियों की अब आई होश, गृह विभाग को अब भेजा 1200 गाड़ियां खरीदने का प्रस्ताव !!

उत्तराखंड पुलिस इस समय वाहनों की कमी से बुरी तरह से जूझ रही है। समय के हिसाब से नई-नई शाखाएं तो खुली लेकिन उन्हें वाहन तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। प्रदेश के अधिकांश कोतवाली और थाने में जो बोलेरो दी गई थी, वह अपनी समय सीमा पूरी कर चुकी हैं, ऐसे में अधिकतर को कंडम घोषित किया गया है।

इन हालात में कई थानों में पूर्व में पायलेट के लिए इस्तेमाल होने वाली जिप्सी को उपयोग में लाया जा रहा है। वाहनों की कमी को देखते हुए इस बार पुलिस विभाग ने वाहनों का नियतन किया है। पुलिस मुख्यालय की ओर से 1200 छोटे व बड़े वाहन खरीदने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद थाना चौकियों के अलावा विभिन्न शाखाओं व पीएसी को नए वाहन मिल जाएंगे।

आपको बता दें कि उत्तराखंड पुलिस के पास पेट्रोलिंग के लिए भी अपने वाहन नहीं है। हंस फाउंडेशन की ओर से पुलिस विभाग को दिए गए 100 वाहनों से इस समय पेट्रोलिंग की जा रही है। इन वाहनों से पेट्रोलिंग के साथ-साथ वीआईपी स्कॉट किए जाते हैं। रात के समय थानाध्यक्ष इन्हीं वाहनों से गस्त करते हैं और कई बार अपराधियों को इन्हीं वाहनों से लाया जाता है।