पलटन बाजार से उठी बात पहुँचती है शहर के अंतिम / दुरुस्त व्यक्ति तक, और उसी पलटन बाजार के व्यापारियों का स्मार्ट सिटी कर रहा है शोषण !!

दून के बाजार और शहर को स्मार्ट बनाने के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 5 साल से काम चल रहा है। जिसके तहत दावे किए जा रहे हैं कि काफी हद तक शहर की सूरत बदल चुकी है लेकिन हकीकत यह है कि ना तो अभी तक सड़कों और बाजारों से बिजली के खंभे हटाए गए हैं और ना ही बाजार में सीसीटीवी कैमरे तक लगाए गए हैं।

पलटन बाजार में जो कुछ काम हुए भी हैं तो उनकी गुणवत्ता खराब होने के कारण फिर से मरम्मत की जरूरत पड़ने लगी है इसके अलावा घंटाघर से कोतवाली तक फुटपाथ बनने थे लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।

स्मार्ट सिटी की समीक्षा बैठक में मेयर-विधायक ने यूं ही सख्त तेवर नहीं दिखाए। यह हकीकत है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर देहरादून स्मार्ट बनने की बजाय और बदहाल हो गया है।

पिछले साल 5 सालों से स्मार्ट सिटी के कार्यो की धीमी रफ्तार से आमजन के साथ ही व्यापारी भी परेशानी झेल रहे हैं। स्मार्ट सिटी के तहत बाजार में घंटाघर से लेकर कोतवाली तक रंग बिरंगी टाइलें लगाई गई वह बनते ही उखड़ने लगी। यहां मल्टी परपज डक्ट बनाए गए हैं लेकिन उनके ऊपर जो ढक्कन लगाए गए हैं वह ना तो सीधे हैं और ना ही सड़क के लेवल के है। ऊपर से अब वह ढक्कन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

बाजार में बिजली की अंडर ग्राउंड लाइन बिछाई गई लेकिन अभी तक बिजली के पोल बाजार से नही हटाये गए हैं। बाजार में नालियों व फुटपाथ का कार्य होना था लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

पलटन बाजार, धमावाला, दर्शनी गेट में दुकानों के आगे के छज्जे तोड़ दिए गए थे, स्मार्ट सिटी के तहत उन्हें बनाने का दावा किया गया लेकिन टेंडर होने के बाद भी आज तक छज्जों का काम शुरू नहीं हो पाया है।